कानपुर,विश्व हीमोफिलिया दिवस (17अप्रैल) परविशेष
हीमोफिलिया के चलते बच्चे के दांत निकलते समय हो सकती है खून बहने की समस्या
हीमोफीलिया की बीमारी 10 हजार लोगों में किसी एक को हो सकती है
कानपुर, 16 अप्रैल 2022
यदि बच्चे के दांत निकल रहे हैं और उसके मसूढ़ों से लगातार खून बह रहा है तो सावधान हो जाइए क्योंकि यह हीमोफिलिया के लक्षणों में से एक है। हीमोफिलिया एक अनुवांशिक बीमारी है। इसमें शरीर से लगातार रक्तस्राव होता है। हीमोफिलिया पीड़ित मरीज के चोट लगने पर खून अपने आप बहना बंद नहीं होता और नही शरीर में ऐसे तंत्र काम करेंगे जो खून को बहने से रोकने में सक्षम हों।
क्या है हीमोफिलिया
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के शिशु विभाग के प्रोफेसर डॉ॰ एके आर्य बताते हैं कि यह रोग अनुवांशिक होता है। इस रोग से पीड़ित में क्लाटिंग फैक्टर अर्थात खून के थक्के बनना बंद हो जाते हैं। सामान्य लोगों को जब चोट लगती है तो खून में थक्के बनाने के लिए जरूरी घटक खून में मौजूद प्लेटलेट्स से मिलकर उसे गाढ़ा कर देते हैं। इस तरह खून अपने आप बहना बंद हो जाता है, लेकिन जो लोग हीमोफिलिया से पीड़ित होते हैं, उनमें थक्के बनाने वाला घटक बहुत कम होता या होता ही नहीं है। इसलिए उनका खून ज्यादा समय तक बहता रहता है। अक्सर इस रोग का पता आसानी से नहीं चलता है, जब बच्चे के दांत निकलते हैं और खून बहना बंद नहीं होता तब इस बीमारी के बारे में पता चल सकता है।
ऐसे होता है इलाज
डॉ.आर्य बताते हैं - गर्भधारण से पूर्व माता और पिता का मेडिकल चेकअप होना बहुत आवशयक है। इस तरह से समय रहते इलाज होना संभव होता है। डॉ आर्य ने बताया कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में हीमोफीलिया यूनिट लगभग 10 वर्षों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) द्वारा बाल रोग विभाग में संचालित है। इसके अंतर्गत हीमोफीलिया मरीज पंजीकृत हैं । इन सभी मरीजों के लिए संपूर्ण इलाज निशुल्क उपलब्ध है। हीमोफीलिया,ए ,और ,बी,के समस्त मरीजों के उपचार व फैक्टर 8 और 9 हेतु यहाँ प्रतिदिन अनवरत सुविधाएं प्रदान की जा रही है।
हीमोफिलिया के लक्षण
• मांसपेशियों एवं जोड़ों में रक्तस्रावया दर्द होना
• नाक से लगातार खून निकलना
• त्वचा का आसानी से छिल जाना
• शरीर पर लाल, नीले व काले रंग के गांठदार चकत्ते
• सूजन, दर्द या त्वचा गरम हो जाना
• चिड़चिड़ापन, उल्टी, दस्त, ऐठन, चक्कर, घबराहट आदि
• मूत्र या शौच करते समय तकलीफ होना
• सांस लेने में समस्या
• खून या काला गाढ़े घोल जैसे पदार्थ की उल्टी करना
और भी जानें इस रोग को
नेशनल हेल्थ पोर्टल के अनुसार लगभग दस हजार पुरुषों में से एक पुरुष को हीमोफिलिया होने का खतरा रहता। महिलाएं इस रोग के वाहक के रूप में जिम्मेदार होतीं हैं।
हर साल 17 अप्रैल को मनाया जाता है यह दिवस
हीमोफिलिया बीमारी को लेकर जागरूकता के लिए हर वर्ष 17 अप्रैल को विश्व हीमोफिलिया दिवस मनाया जाता है। यह विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफिलिया की एक पहल है। इस वर्ष की थीम- एक्सेस फॉर ऑल: पार्टनरशिप, पॉलिसी , प्रोग्रेस, एंगेजिंग योर गवर्नमेंट इंटेग्रटिंग इनहेरिटेड बिल्डिंग डिसऑर्डर्स इनटू नेशनल पॉलिसी यानी सभी के लिए पहुंच: साझेदारी। नीति। प्रगति। अपनी सरकार को शामिल करना, विरासत में मिले रक्तस्राव विकारों को राष्ट्रीय नीति में एकीकृत करना है।