लखीमपुर,कर्तव्य का पालन करते हुए भक्ति मार्ग पर चलकर परिवार,समाज और देश का कल्याण करें: आचार्य अशोक
लखीमपुर।शिव सत्संग मण्डल के मंडलाध्यक्ष आचार्य अशोक ने कहा कि ग्रहस्थजन कर्तव्य का पालन करते हुए परिवार ,समाज और देश का कल्याण करें।
लखीमपुर के छाउछ चौराहा स्थित बी एन एस ट्रेडिंग कंपनी के पांडाल में मण्डल द्वारा आयोजित वार्षिक धर्मोत्सव में आचार्य जी ने कहा कि आध्यात्मिकता का पुण्य पथ अनगिनत उदाहरणों से भरा पड़ा है।जहां भक्ति मार्ग पर चलकर संतों भक्तों ने परमात्मा को साधा है।महात्मा बुद्ध,स्वामी विवेकानन्द, आद्य शंकराचार्य,स्वामी दयानंद जैसे महान संतों ने इस मार्ग को सुशोभित किया और साधारण मनुष्य को भी परमेश्वर की कृपा का सहज मार्ग दिखाया।कहा कि एक गृहस्थ व्यक्ति के लिए यही उचित है कि वह परिवार, राष्ट्र और समाज के प्रति अपनी अपेक्षित जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए भक्ति मार्ग पर चलता रहे और स्वयं की क्षमतानुसार ज्ञान,भक्ति और कर्म के मार्ग पर अग्रसर हो।
लखनऊ मण्डल के अध्यक्ष राजेश पाण्डेय ने कहा कि श्रृद्धा और विश्वास के कल्याण स्वरूप भगवान शिव के बिना सिद्धजन अपने अंतःकरण में स्थित ईश्वर को देख नहीं सकते।संसार में जिनका कोई आश्रयदाता नहीं,उसके आश्रयदाता भगवान भोलेनाथ हैं। श्री पांडेय ने कहा कि सतसंगति से सुख होता है और कुसंग से दुःख होता है। इसलिए हमेशा वहां जाना चाहिए जहाँ पर साधु संत हों। क्योंकि वहां पर आनंद ही आनंद होता है।
हरदोई के जिला महामंत्री रवि लाल ने बताया कि वेद ज्ञान मनुष्य मात्र को पवित्र करता है।असत्य और अंधविश्वास से मुक्त होकर ही सत्य की राह पर चल सकते हैं।
वरिष्ठ सत्संगी रामअवतार ने दान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए दानवीर कर्ण,महर्षि दाधीच,राजा शिवि के प्रसंग सुनाए।
व्यवस्था प्रमुख यमुना प्रसाद ने कहा कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक मूल्यों को आत्मसात करते हुए भक्ति मार्ग पर चलेंगे तो निश्चित ही उस प्रकाश स्वरूप परमेश्वर का साक्षात्कार कर सकेंगे।
शाहजहांपुर के जिलाध्यक्ष डॉ कालिका प्रसाद ने कहा कि परमपिता शिव के ध्यान और भजन से ही समग्र जीवन का कल्याण किया जा सकता है।
हरदोई के जिलाध्यक्ष एवं प्रचारक प्रेम भाई ने बताया कि विविध संस्कृतियों वाले भारावर्ष में ईश्वर की भक्ति से ही मनुष्य भव सागर से पार हो सकता है।सत्संग,सेवा और सुमिरन से ही मुक्ति के मार्ग पर अग्रसर हो सकते हैं।
मंडल के संयोजक अम्बरीष कुमार सक्सेना ने कहा कि सत्संग ही ऐसी पद्धति है जिससे हमारे अन्दर मनुष्यता आती है।जो भक्त पग पग पर प्रभु का स्मरण करता है।वह भक्त समाज के कल्याण में सहायक हो,परमार्थ करता है।सभी लोग ईश्वरीय स्मृति में रहते हुए अपने अपने दायित्व का निर्वहन करें।
डॉक्टर नन्हेलाल ने बताया कि सत्संग से व्यक्ति की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।वह कुशाग्र बुद्धि वाला बन कर समाज के कल्याण में सहायक होता है।दलेलापुर के इंस्पेक्टर ने सत्संग की मानव जीवन में उपयोगिता बताई। नर्सियामऊ के राम निवास ने बताया कि परमेश्वर के भजन से जीवन का सर्वोत्कृष्ट लक्ष्य पाया जा सकता है।
अधिवक्ता रामौतार ने कहा कि सत्यान्वेषण कर हम शिवोपासना करते हुए स्व कल्याण करें।
शाहजहांपुर के रवि कुमार वर्मा के संचालन में हुए धर्मोत्सव का शुभारम्भ धर्म प्रचारक प्रेम भाई ने दीप प्रज्ज्वलित कर एवं सत्संगी श्रीकृष्ण की सामूहिक ईश प्रार्थना से हुआ।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ सत्संगी हरिओम ने की।बहन प्रतिभा,भैयालाल, श्रीकृष्ण आदि ने प्रेरणादायी भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर लिया।
इस धर्मोत्सव में लखीमपुर के जिलाध्यक्ष जमुना प्रसाद,शिव पूजन लाल सेन, रामौतार वर्मा,विमल कुमार,माखनलाल,चेतराम,शिव पूजन लाल प्रजापति,प्रदीप मोहन,रिंकू,बंटू आदि ने धर्मोत्सव को भव्य बनाने में विशेष योगदान दिया।धर्मोत्सव में सत्संग परिवारों के सैकड़ों भैया बहन सम्मिलित हुए।समापन पर सभी सत्संगी जनों ने 27 मई को नरसिया मऊ में शिवोत्सव आयोजित करने का शिव संकल्प लिया।