कानपुर,एन्क्वासकी दो सदस्यीय टीम ने किया सीएचसी भीतरगांव का असेसमेंट
आठबिंदुओं पर तैयार की गयी रिपोर्ट, टीम ने जाहिर की संतुष्टि
कानपुर नगर,19 मई 2022
स्वास्थ्यसुविधाओं का फायदा आम लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं, इसका जायजा लेने के लिए नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंर्ड (एन्क्वास ) की केन्द्रीयटीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भीतरगाँव का मुआयाना किया। दो दिवसीय असेसमेंट में सीएचसी का मूल्यांकन किया गया। टीम ने आठ बिदुओं पर अलग -अलग जांच कर अपनी रिपोर्ट तैयार की। इस दौरान टीम ने कई कमियां भी पाईं, जिसको दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं। दो सदस्यीय टीम में महाराष्ट्र कोल्हापुर के सिविल अस्पताल से डॉ हर्षाला सुधाकर वेदक व एम्स जोधपुर से भवर लाल देवाना मौजूद रहे।
टीम ने केंद्र की वाह्यरोगी विभाग (ओपीडी), अंत: रोगी विभाग (आईपीडी), लेबर रूम, फार्मेसी कक्ष, ऑक्सिलरी सर्विसेज , पैथोलॉजी ,इमरजेंसी वार्ड और जनरल वार्ड का बारीकी से निरीक्षण किया और उनकी बिंदुवार रिपोर्ट तैयार की। इसके अलावा टीम ने सहयोगी सेवाएं और प्रशासनिक सेवाओं का भी बारीकी से निरीक्षण किया।
जनपदीय परामर्शदाता क्वालिटी एश्योरेंस डॉ आरिफ बेग़ ने बताया कि नेशनल अवॉर्ड की दौड़ में शामिल सीएचसी भीतरगाँव का असेसमेंट बुधवार को पूरा हुआ। अब केंद्रीय टीम अस्पताल को एनक्वास के चेकलिस्ट के आठ बिंदुओं की गहनता से जांच के बाद अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने बताया कि टीम ने दस्तावेजों व अभिलेखों का भी निरीक्षण किया। सम्पूर्ण निरीक्षण के दौरान टीम ने अपनी संतुष्टि जाहिर की और भविष्य में भी इसी तरह की सुविधाएं प्रदान काराने की उम्मीद जताई। निरीक्षण के समय चिकित्सालय का सम्पूर्ण स्टाफ ड्रेस कोड में मौजूद रहा और निर्देशित प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया।
क्या है एन्क्वास
डॉ बेग़ ने बताया कि एनक्वास भारत सरकार की संस्था है, जो सरकारी अस्पतालों को उनकी सेवाओं के मापदंडों पर काम करती है। यहां मुख्य रूप से अस्पताल के अंदर काम करने वाले विभागों का रखरखाव, कामकाज का तरीका, ओपीडी और ओटी की स्थिति, लैब, फार्मेसी, सामान्य प्रशासन को देखा और परखा जाता है, उसी के आधार पर अंक दिए जाते हैं। 70 प्रतिशत तक अंक प्राप्त करने वाले अस्पतालों को एन्क्वास से सर्टिफिकेट मिलता है, जो इस बात का प्रमाण होता है कि अमुक अस्पताल की सेवाएं अच्छी हैं।
प्रशिक्षित स्टाफ रहता है मुस्तैद
सीएचसी प्रभारी का कहना है कि प्रशिक्षित स्टाफ हर वक्त सेवा के लिए मौजूद है। थ्रीबकेट सिस्टम से स्वच्छता का काम होता है, जिसमें दैनिक सफाई, साप्ताहिक और मासिक सफाई नियमानुसार होती है। मरीज देखभाल वाले क्षेत्र में सफाई के दौरान झाड़ू का प्रयोग नहीं किया जाता है। सूखे और गीले पोछे से सफाई होती है। विसंक्रमित किए गए उपकरण और ड्रेसिंग मैटेरियल ही प्रयोग में लाए जाते हैं, जिससे संक्रमण फैलने की संभावना न के बराबर होती है।