बी के टी,गौ आश्रय केंद्रों पर बदइंतजामी के चलते नही थम रहा मवेशियों की मौत का सिलसिला
लखनऊ बीकेटी नहीं थम रहा मवेशियों की मौत का सिलसिला
केंद्रों पर दलदल में फंस रहे मवेशी, चारे-पानी का इंतजाम नहीं
जिले में आवारा पशुओं के संरक्षण के लिए बनाए गए गो आश्रय केंद्रों की हालत खस्ता है। आधे-अधूरे बने केंद्रों पर मवेशियों को रख दिया गया है, लेकिन वहां सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। न चारा है न पानी। कई जगहों पर टीनशेड तक नहीं है। शासन व अफसरों के दबाव पर किसानों की फसलों को सुरक्षित करने के लिए मवेशियों को गो आश्रय केंद्रों में कैद कर दिया गया है। बीते दिनों दो दिन तक लगातार हुई बारिश के चलते सभी गो आश्रय केंद्र दलदल बन गए हैं। मवेशी उसमें फंसे हुए हैं। बदइंतजामी के चलते भूख-प्यास से तड़पकर वह दम तोड़ रहे हैं
गौ आश्रय केंद्रों पर बदइंतजामी के चलते मवेशियों की मौत का सिलसिला जारी है पशु आश्रय केंद्रों की दशा बद से बदतर होती जा रही है इधर सरकार पशु आश्रय केंद्रों की दशा बेहतर बनाने का दम भर रही है इसका जीता जागता उदाहरण पशु आश्रय केंद्र पहाड़पुर है जहां एक पशु ने तड़प तड़प पर अपना दम तोड़ दिया है वही दो पशु तड़प रहे हैं पशु आश्रय केंद्र परिसर में गंदा पानी भरा है यहां पर गोबर इधर-उधर बिखरा हुआ पड़ा है पशु आश्रय केंद्र पहाड़पुर जहां आज एक पशु ने चारे के अभाव में घुट घुट कर अपने प्राण त्याग दिए तथा दो पशु यहां पर तड़प रहे हैं इनका कोई पुरसाहाल नहीं है यहां पर सौ से अधिक मवेशी है जो प्रधान व सचिव की उदासीनता का द्योतक है इस पशु आश्रय केंद्र के परिसर में वर्षा का गंदा पानी भरा है पानी का समुचित निकास ना होने के कारण पशु गंदे पानी में खड़े होने के लिए विवश हैं अनबोला पशु अपनी दयनीय दशा को नहीं कह सकते हैं इधर सरकार व शासन ढोल पीट रहा है कि पशु आश्रय केंद्र की दशा सुधारने के लिए प्रभावी व कारगर कदम उठाए जा रहे हैं पर यहाँ पर ढ़ोल के अंदर पोल वाली कहावत चरितार्थ होती है जब इस संबंध में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी देवेश कुमार शर्मा से बात की गई तो उन्होंने रटा रटाया जवाब दिया की तत्काल कारवाई की जाएगी।।