हरदोई,तालाब पैमाईश से पहले बीडीओ की तानाशाही देखने को मिली।
आखिर बीडीओ ने क्यों नष्ट की गरीब किसान की तालाब में पड़ी हुई फसल।
शाहाबाद(हरदोई) जनपद में जहां एक ओर केंद्र सरकार अमृत महोत्सव मानने के लिए नई नई योजनाएं बना रही है वही दूसरी ओर इस योजना से निर्मित अमृत सरोवर के लिए उच्च अधिकारी भी एडी से चोटी का जोर लगा रहे है लेकिन विकास खंड टोंडरपुर के बीडीओ का एक नया कारनामा देखने को मिला। पशु चिकित्सक से अतरिक्त चार्ज में टोंडरपुर बीडीओ बने डी के गुप्ता अपने अधिकारों को ही भूल गए।
ग्राम पंचायत तिउर में लगभग 5.310 हेक्टेयर में तालाब है जिसमे से लगभग 1.0510 हेक्टेयर तालाब का पट्टा मछली पालन, इत्यादि के लिए 3 वर्ष पूर्व किया गया था। शेष बचे हुए तालाब में अमृत सरोवर योजना से तालाब का निर्माण होना था लेकिन बीडीओ टोंडरपुर के द्वारा पट्टे धारक के तालाब पर ट्रैक्टर से जोतवाने को कहा गया। जिसके बाद पट्टाधारक के द्वारा एसडीएम शाहबाद से पट्टे की पैमाईश के लिए शिकायती प्रार्थना पत्र दिया जिसमे उनके द्वारा कानूनगो एवम् लेखपाल को पैमाईश के लिए आदेशित किया ।
पैमाईश का आदेश होने के बाद भी बीडीओ टोंडरपुर के आदेश पर तालाब में पड़े शिंघाडे की फसल को नष्ट कर तालाब को खोदने का कार्य किया जाने लगा । पट्टा धारक के काफी विरोध के बाद जेसीबी मशीन को बंद किया गया जब तक आधी फसल खराब हो चुकी थी। जब इस विषय पर बीडीओ टोंडरपुर से दूरभाष से बात हुई तो उनके द्वारा पट्टे को ख़ारिज एवम् एफआईआर लिखने की धमकी दे डाली।
उसके बाद जब पट्टे की पैमाईश हुई तो उसमे 20 मीटर पट्टा कम निकला।
अब यहां प्रश्न ये उठता है कि जब तालाब की पैमाईश होनी तो फिर बीडीओ अपने अधिकारों को क्यों भूल गए?
आखिर बीडीओ अपने आप को उप जिलाधिकारी क्यों समझने लगें।