शाहाबाद में भूमाफियाओं ने योगी की मंशा का उड़ाया मखौल पुलिस भी रही शामिल?
कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने में खाकी खादी अपराधी दिखे एकजुट ?
सत्ता संरक्षित भूमाफियाओं पर आखिर अब कौन करेगा प्रभावी कार्यवाही?
शाहाबाद। दौरान मुकदमा सत्ता संरक्षण में सशस्त्र भू माफियाओं ने मौके पर पुलिस की मौजूदगी में महिलाओं को मारपीट कर लहूलुहान कर दिया और विवादित जमीन पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया जिससे चारो तरफ अफरा तफरी मच गई और वहुत से लोग दहशतजदा होकर इधर-उधर भागकर दुबक गए जिससे लोक व्यवस्था छिन्नभिन्न हो गई और पैतृक रूप से काबिज पीड़ितों सहित आम नागरिकों में भय व आतंक व संत्रास व्याप्त होकर रह गया है।
बताया गया है कि विवादित जमीन का फर्जी बैनामा हनुमत के जीवन काल में ओमप्रकाश मिश्रा निवासी दिलेरगंज शाहाबाद द्वारा कराया गया था जिसकी जानकारी होने पर हनुमन्त ल द्वारा दीवानी न्यायालय हरदोई में बैनामा निरस्तीकरण का वाद दाखिल किया गया था, वादकारी की मृत्यु के बाद उसके बरिसानों द्वारा जरिये बकील मुकदमें की पैरवी की जा रही है, वाद-विचारण के दौरान तत्कालीन सत्तासीनों के खासमखास ओमप्रकाश मिश्रा द्वारा बार-बार विवादित जमीन पर कब्जे के प्रयास किये गए, जिसमें मारपीट झगड़े फसाद हुए तथा दोनों पक्षों से कई मुकदमें दर्ज कराया जाना चर्चा का विषय बना। तत्क्रम में सत्ता संरक्षण के चलते स्थानीय पुलिस एवं भूमाफियाओं ने विवादित जमीन पर एक एक माह से पुनः जुल्म जोतना शुरू कर दिया और आखिर सभी भूमाफियाओं ने पुलिस के साथ मिलकर गत रविवार के दिन महिलाओं को मार पीटकर लहूलुहान कर दिया। घटनास्थल पर ताबड़तोड़ सशस्त्र भूमाफियाओं को पुलिस के साथ जुल्म जोतते देखकर चारों तरफ प्रत्यक्षदर्शी दहशतजदा हो गए जिससे किसीकी हिम्मत भूमाफियाओं की जेसीबी रोकने की नहीं पड़ी वैसे भी पुरूषों की अनुपस्थिति में जो महिला गए बढ़ी, वही धूल धूसरित कर दी गई।
विवादित जमीन से जुड़ी मुख्य पीड़िता राममूर्ति पत्नी बाबूराम ने बताया कि रविवार को ओमप्रकाश अक्षय कुमार राजू मिश्रा अंकुर आयुष मोहन सिद्धार्थ उर्फ मनू विकास मिश्रा शम्भूरतन मिश्रा व ब्लॉक प्रमुख त्रिपुरेश मिश्रा सहित प्रभारी निरीक्षक सुरेश कुमार मिश्रा उपनिरीक्षक विजय शुक्ला सुबोध कुमार आरक्षी भानुप्रताप आमिर खान प्रदीप यादव राहुल तथा महिला आरक्षी निधि चौहान समेत अन्य 10 पुलिस कर्मी अज्ञात तथा लेखपाल अनिल त्रिपाठी एवं 10 अज्ञात व्यक्तियों ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर उसकी जमीन कब्जा कर ली गई तो उसके साथ उसके परिवार की महिलाओं द्वारा अवैध कब्जे का विरोध किया गया। बश इतनी सी बात पर राइफल बंदूकों तमंचों से लैस होकर मौके पर पुलिस के साथ आए उपरोक्त सभी लोगों ने उनके साथ जमकर मारपीट और छेड़छाड़ कर अश्लीलला की। जिससे कानून एवं व्यवस्था तार तार हो गई।
पीड़िता उपरोक्त राममूर्ति का आरोप है कि उसके व विपक्षी ओमप्रकाश मिश्रा के मध्य तीन दीवानी वाद न्यायालय श्रीमान सिविल जज जूनियर डिवीजन पश्चिमी हरदोई में विचाराधीन है तथा एक घोषणात्मक वाद न्यायालय श्रीमान एसडीएम शाहाबाद में चालू है, उसका आरोप है कि विवादित खेत पर खड़े होकर पुलिस व विपक्षीगणों ने उसके खेत में बोई गई धनिया,गोभी आदि की फसल दिनांक 30 मई को जुतवा दी थी जिससे उसका लगभग 5 लाख रुपए का नुकसान हो गया है।
गौरतलब है कि आगबबूला भू-माफियाओं द्वारा लात घूंसों,डंडों,बटो से बेहरमी पूर्वक मारी पीटी गईं महिलाओं की चीख पुकार पर रविवार को मौके पर मौजूद पुलिस पहले तो मूकदर्शक बनी रही और बाद में उल्टा पीड़िताओं को ही हड़काने लगी। जिससे कानून एवं व्यवस्था की सर्वत्र निन्दा हो रही है यहाँ तक कि इस संदर्भ में क्षेत्रीय भाजपा विधायक एवं उच्च शिक्षा राज्य मन्त्री रजनी तिवारी की निष्पक्ष नागरिकों सहित खासकर राठौर संगठनों में काफी किरकिरी एवं कड़ी निंदा हो रही है। इतना ही नहीं भाजपा के प्रति उपरोक्त लोगों में अत्यधिक भयमिश्रित असंतोष व्याप्त है।