सीतापुर,टीबी के खात्मे को सभी का सहयोग जरूरी: सीएमओ

  • जनपद में 24 मार्च को मनाया जाएगा विश्व क्षय रोग दिवस
  • जागरूकता को लेकर 22 मार्च से आयोजित होंगी विभिन्न गतिविधियां

सीतापुर क्षय रोग अर्थात तपेदिक रोग (टीबी) को समाप्त करने एवं लोगों को बीमारी के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है। इस उद्देश्य से जनपदवासियों को आज टीबी के लक्षणों की पहचान, स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध जांच और इलाज की सुविधाओं के बारे में रैली व गोष्ठी के जरिए जागरूक किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मधु गैरोला ने बताया कि जनजागरूकता से ही जनपद, राज्य और जिले को टीबी मुक्त किया जा सकता है। आज टीबी इकाइयों पर जनप्रतिनिधियों की अध्यक्षता में गोष्ठी, रैली आदि के आयोजन होंगे। 25 मार्च को टीबी इकाइयों, डेजिग्नेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर और गांवों में सामुदायिक स्तर पर जनप्रतिनिधियों की अध्यक्षता में मैजिक शो, नुक्कड़ नाटक व अन्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सीएमओ ने बताया कि इस साल विश्व क्षय रोग दिवस की थीम है, हां! हम टीबी खत्म कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह थीम तभी सार्थक हो सकती है जब टीबी के खात्मे को लेकर समाज के हर वर्ग का सहयोग मिले। अधिक से अधिक लोग निक्षय मित्र के रूप में क्षय रोगियों को गोद लें और उन्हें क्षय रोग से स्वस्थ बनाने में सहयोग करें।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एसके शाही ने बताया कि वर्ष 2022 में राज्य से प्राप्त लक्ष्य 13,000 के सापेक्ष 13,345 मरीजों की खोज की गई। इनमें जनवरी से जून 2022 तक 7,079 मरीज उपचार पर रखे गये जिनमें से 6,351 मरीज स्वस्थ्य हो गये हैं, शेष मरीज उपचार प्राप्त कर रहे हैं। जिले में उपचार के लिए तीन सीबी नाॅट मशीन (मिश्रिख, बिसवां, जिला क्षय रोग केन्द्र सीतापुर) स्थापित हैं। इसके अलावा 12 ट्रू नाॅट मशीनें भी सीएचसी पर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत 12,865 मरीजों के बैंक खाते प्राप्त कर लिए गये है इनकी इन्ट्री निक्षय पोर्टल पर कर 11,018 मरीजों को भुगतान प्रदान किया जा चुका है। इसके अलावा 13,345 मरीजों के सापेक्ष अभी तक 13,104 मरीजों की एचआईवी जांच की जा चुकी है। मरीजों को गोद लेने के कार्यक्रम के अन्तर्गत अभी तक विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं, विद्यालयों, औद्योगिक घरानों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा 3,946 मरीजों को गोद ले कर उनके उपचार एवं पोषण पर ध्यान दिया जा रहा है। टीबी मरीजों के परिवार के सदस्यों को संक्रमण से बचाने के लिए प्रिवेन्शन आफ टीबी (टीबी प्रिवेन्टिव थेरेपी) प्रदान किये जाने का कार्यक्रम 01 जनवरी, 2022 से प्रारम्भ हो चुका है। इस मौके पर क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समंवयक आशीष दीक्षित भी मौजूद रहे।

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