सिधौली,साम्प्रदायिकता के तत्वावधान मेंमनाया गया गणेश शंकर विद्यार्थी शहादत दिवस

सिधौली/सीतापुर। गणेश शंकर विद्यार्थी एक बहुमुखी प्रतिभा, राजनैतिक चिन्तक, थे। उन्होंने आज से लगभग सौ वर्ष पूर्व साम्प्रदायिकता की समस्या को पहचान लिया था और साम्प्रदायिकता का विरोध करते हुए अपना बलिदान दे दिया। यह बात वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद अग्निहोत्री ने तहसील के निकट साम्प्रदायिकता के तत्वावधान में गणेश शंकर विद्यार्थी शहादत दिवस पर आयोजित समारोह में राष्ट्रीय एकता और साम्प्रदायिकता की चुनौती विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही।


श्री अग्निहोत्री ने कहा कि स्व0 विद्यार्थी एक मेधावी पत्रकार थे। कानपुर में उनके अखबार “प्रताप“ का कार्यालय स्वाधीनता सेनानियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और क्रातिकारियों को मक्का था। लेखक और अधिवक्ता अनूप कुमार ने राष्ट्रीय एकता और साम्प्रदायिकता की चुनौती विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि साम्प्रदायिकता सामंती ताकतों, इजारेदारों और उपनिवेशवादी ताकतों के हाथ का हथियार है। इसके जरिए वे लम्बे समय तक अवाम को शोषण करते रहते हैं। साम्प्रदायिकता का एक अपना समाज शास्त्र है, जो लोगों को मूर्ख बनाकर उनका इस्तेमाल करने पर आधारित होता है। लायर्स एसोसिएशन, सिधौली के अध्यक्ष आर. पी.यादव ने कहा कि धार्मिक होने और साम्प्रदायिक होने में फर्क है।

गांधी और मौलाना आजाद धार्मिक थे और उन्हें अपने अपने धर्मों की गहरी जानकारी थी जबकि दूसरी ओर मुहम्मद अली जिन्ना की जीवन शैली नितान्त इस्लाम विरोधी थी। वे इस्लामी इतिहास, कुरानो हदीस की जानकारी के बारे में बिल्कुल कोरे थे परन्तु घोर साम्प्रदायिक थे।

कार्यक्रम के संयोजक और कवि, पत्रकार अनुराग आग्नेय ने विद्यार्थी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे स्वाधीनता आन्दोलन में भाग लेने और ‘प्रताप’ में सरकार की गलत नीतियों तथा अंग्रेज अधिकारियों के अत्याचारों के विषय में लेख लिखने के लिए पाँच बार जेल गये तथा ‘प्रताप’ से कई बार जमानत मांगी गई। विद्यार्थी जी देशी राजाओं द्वारा शासित जनता के लिए बहुत चिन्तित रहते थे। साम्प्रदायिकता का विरोध उनके संधर्ष का महत्वपूर्ण मोर्चा था, जिस पर उन्होने अपना जीवन न्योछावर कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि केदारनाथ शुक्ल ने गणेश शंकर विद्यार्थी के क्रांतिकारी रूप की चर्चा करते हुए उन्हें कविता के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की। देवेन्द्र कश्यप निडर ने विषय-प्रवर्तन किया और स्व0 विद्यार्थी के जीवन पर प्रकाश डाला। कमलेश पाण्डेय, कांती देवी, सी.आर.पीएफ. के सेवानिवृत्त उपाधीक्षक बचान प्रसाद और कमलेश कुमार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। समारोह में लायर्स एसोसिएशन की ओर से कवि संजय सिंह, नवदीप मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता रामबक्श राव, कवियत्री पिंकी अरविंद प्रजापति और सामाजिक कार्यकर्ता व पूर्व विधिक सलाहकार समिति के सदस्य अतहर अली को सम्मानित किया गया। इस मौके पर नवनीत नवल, देवेन्द्र कश्यप ‘निडर’, पिंकी अरविन्द प्रजापति, संजय सिंह आदि ने कविता पाठ भी किया।

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