हरदोई, श्री अन्न की खेती, विपणन, प्रसंस्करण एवं श्री अन्न के स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में दी गयी विस्तृत जानकारी

हरदोई (अम्बरीष कुमार सक्सेना)उ0प्र0 मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के अन्तर्गत आज जनपद स्तरीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन कृषक सभागार, सम्भागीय कृषि परीक्षण एवं प्रदर्शन शोध केन्द्र,

हरदोई में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जनपद में ज्वार, बाजरा, कोदो, सांवा एवं रागी की खेती करने वाले कृषकों को श्री अन्न की खेती, विपणन, प्रसंस्करण एवं श्री अन्न के स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में डा० ए०के० तिवारी, कृषि वैज्ञानिक, के०वी०के०, हरदोई (प्रथम) ने श्री अन्न की बुवाई के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। डा० सी०पी०एन० गौतम, कृषि वैज्ञानिक, के०वी०के०, हरदोई (प्रथम )द्वारा कृषकों को श्री अन्न की फसलों में लगने वाले रोग एवं कीट तथा उनकी प्राकृतिक/जैविक विधि से नियंत्रण के बारे में जानकारी दी गयीं। डा० त्रिलोकी सिंह, कृषि वैज्ञानिक के०वी०के०, सण्डीला हरदोई (द्वितीय) ने कृषकों को बताया कि श्री अन्न अधिक लाभप्रद, पौष्टिक और पर्यावरण अनुकूल होने के कारण लाभकारी है। डा0 चन्द्र शेखर, प्रभारी उप पशु चिकित्साधिकारी, हरदोई ने कृषकों को बताया कि श्री अन्न पशु चारा, खाद्य, ईंधन, दवाईया एवं अन्य मूल्य संवर्धित उत्पादों के रूप में उपयोग किया जाता है।

पुत्तन लाल, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरिक्षक, हरदोई द्वारा बताया गया कि कृषक गन्ना की खेती के साथ-साथ श्री अन्न की भी खेती सहफसली पद्धति के आधार पर कर सकते हैं। विनीत कुमार, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, सदर, हरदोई द्वारा बताया गया कि मिलेट्स 60 से 90 दिवसों में तैयार होने वाली फसलें हैं फलतः मिलेट्स से किसान एक वर्ष में अधिक फसलें ले सकते है। डा० नन्द किशोर, उप कृषि निदेशक द्वारा कृषकों को श्री अन्न (मिलेट्स) की खेती हेतु बीज उर्वरक कीटनाशक, सिंचाई जल आदि कृषि निवेशों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी साथ ही अवगत कराया कि मिलेट्स शुष्क क्षेत्रों और कम उपजाऊ भूमि में भी अच्छी उपज दे सकते हैं तथा इनमें सूखा सहन करने की क्षमता होती है। इस कार्यक्रम में कृषि विभाग के समस्त वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-ए एवं लगभग 150 कृषक उपस्थित रहे।

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