इटावा,बच्चों की उचित देखभाल जरूरी:डॉ गुप्ता

सर्दी से बचाव के लिए नवजात शिशु को दें कंगारू मदर केयर

इटावा, 3 जनवरी 2023

इस शीतलहर में सर्दी और संक्रमण से बचाने के लिए बच्चों को उचित देखरेख जरूरी है। वर्तमान में जिला अस्पताल की ओपीडी में आने वाली 70 प्रतिशत बच्चों को सर्दी, जुकाम, बुखार और दस्त की समस्या बच्चों में देखी जा रही है। यह कहना है जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ पी के गुप्ता का।
डॉ गुप्ता ने बताया कि कहीं न कहीं बढ़ती सर्दी व ठंडी हवा से बच्चे जल्दी बीमार पड़ रहे हैं। बच्चों की उचित देखभाल के लिए जरूरी नहीं है कि उन्हें गर्म कपड़े पहनाए जाएं। उनके पैर का तलवा, हथेली और कान व सिर ढक कर रखें। शरीर के इन्हीं हिस्सों में सबसे ज्यादा हीट लॉस होता है और यही ठंड लगने का कारण है
इसीलिए बच्चे को टोपी,दस्ताने मोजे व फुल स्वेटर पहनाएं और धूप निकले तो बच्चों को थोड़ी देर धूप में जरूर खेलने दें। बच्चों को मौसमी फल सब्जियां, ताजा खाना और गरम सूप व गुनगुना पानी पिलाएं। आइसक्रीम व ठंडी चीजें बिल्कुल भी न दें। बच्चे को अगर बुखार सर्दी जुकाम जैसे सामान्य लक्षण दिखें तो चिकित्सीय सलाह अनुसार ही दवा दें,क्योंकि लापरवाही बरतने पर कभी-कभी बच्चे निमोनिया के शिकार हो जाते हैं इसीलिए 2 दिन से ज्यादा अगर सर्दी,जुकाम, बुखार आए तो बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ गिरधारी सोनी ने बताया कि सर्दियों के समय नवजात शिशु की विशेष देखभाल की जरूरत होती है इसलिए बच्चे को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बच्चे को हर 2 घंटे बाद स्तनपान कराएं और स्तनपान कराने के बाद कुछ समय तक मां अपनी छाती से चिपका कर कंगारू मदर केयर दे। इससे बच्चे का तापमान नियंत्रित रहेगा। बच्चे को जिससे सर्दी नहीं लगेगी और बच्चा अच्छे से स्तनपान कर स्वस्थ रहेगा।
प्रभारी जिला क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ लोकेश ने बताया कि नवजात बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए बच्चों के तलवे में तिल या सरसों के तेल से मालिश करें और मां अपने भोजन में गुड़ का सेवन करें जिससे बच्चों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि सर्दी हो जाने पर बच्चों को गुनगुने पानी में तुलसी ड्रॉप दें और शहद, काली मिर्च, अदरक का रस मिलाकर बच्चों को दें लेकिन 2 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चों आधी चम्मच और इससे बड़े बच्चों को एक चम्मच दे सकते हैं। उन्होंने बताया सर्दी जुखाम और संक्रमण से बचाने के लिए बच्चों को नियमित दूध के साथ चवनप्राश दें व नाक में एक एक बूंद अणु तेल लगाएं।

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