गोरखपुर,बच्चों में समय से सुनने की क्षमता में असमर्थता की पहचान आवश्यक-सीएमओ

विश्व श्रवण दिवस पर सुनने में असमर्थ बच्चों को दी गयी डिजिटल हियरिंग एड मशीन

जिला अस्पताल सहित जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित हुईं गतिविधियां

गोरखपुर, 03 मार्च 2023

विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल समेत जनपद के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर शुक्रवार को जनजागरूकता सम्बन्धित गतिविधियों का आयोजन किया गया । इसी कड़ी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने सुनने में असमर्थ छह बच्चों को अपने कार्यालय में डिजिटल हियरिंग एड मशीन दिया । उन्होंने कहा कि बच्चों में समय से सुनने की क्षमता में असमर्थता की पहचान आवश्यक है । पांच वर्ष तक के ऐसे बच्चों का काक्लियर इम्प्लांट हो जाता है और उन्हें सुनने व बोलने में समर्थ बनाया जा सकता है । पांच वर्ष से अधिक की आयु के बाद केवल डिजिटल हियरिंग एड मशीन से ही मदद की जा सकती है ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अगर जन्म के बाद से ही कोई बच्चा किसी के बोलने पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है तो हो सकता है कि उसे न सुनने की समस्या हो । सुनने में असमर्थ बच्चों में बोलने की क्षमता का भी विकास नहीं हो पाता है । ऐसे बच्चों की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीम स्क्रिनिंग कर उन्हें काक्लियर इम्प्लांट की सुविधा दिलवाती है । अगर बच्चे पांच वर्ष से अधिक आयु के हैं तो आरबीएसके की डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना द्वारा कम्पोजिट रिजनल सेंटर (सीआरसी) की मदद से डिजिटल हियरिंग एड दिलवाया जा रहा है ।

राष्ट्रीय बधिरता बचाव एवं रोकथाम कार्यक्रम (एनपीपीसीडी) और आरबीएसके के नोडल अधिकारी डॉ नंद कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल में सुनने की क्षमता में असमर्थ हर आयु वर्ग के लोगों के जांच की सुविधा उपलब्ध है । अगर समय से इस असमर्थता को पहचान लिया जाए तो इलाज भी किया जा सकता है । इस तरह की बीमारी से बचाव के लिए कानों की सुरक्षा बहुत ही आवश्यक है। कानों में पानी न जाने दें और न ही किसी प्रकार का तरल पदार्थ कानों में डालें। कान में मवाद को साफ और नम कपड़े से ही निकालना चाहिए। कान के मवाद में बदबू आना या खून आना गंभीर रोग के लक्षण हो सकते हैं और ऐसी स्थिति में चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए। गंदे पानी में तैरने या नहाने से बचना चाहिए और अस्वच्छ वातावरण से भी दूरी बनानी चाहिए। बचाव के इन उपायों के बाद भी कोई दिक्कत होती है तो तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर इस बीमारी की प्राथमिक स्क्रिनिंग की सुविधा उपलब्ध है और बच्चों में इस बीमारी की स्क्रिनिंग आरबीएसके टीम द्वारा की जा रही है ।

इस मौके पर श्रवण क्षमता में असमर्थ बच्चों की पहचान और उन्हें ठीक करवाने में योगदान के लिए आरबीएसके डेरवा टीम के नेत्र परीक्षण अधिकारी अमित सिंह और सीआरसी के कोआर्डिनेटर रॉबिन को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया । सीआरसी कोआर्डिनेटर ने बताया कि उनके केंद्र पर जन्म के पहले दिन से लेकर हर आयु वर्ग के लोगों के श्रवण क्षमता के परीक्षण की सुविधा उपलब्ध है । पिपरौली के आरबीएसके चिकित्सक डॉ खालिद और सरदारनगर के आरबीएसके चिकित्सक डॉ अरूण त्रिपाठी ने काक्लियर इम्प्लांट सम्बन्धित अपने अनुभव भी साझा किये ।

इस अवसर पर डीसीएमओ डॉ अनिल सिंह, डॉ अश्विनी चौरसिया, डीएचईआईओ केएन बरनवाल, आरबीएसके चरगांवा के चिकित्सक डॉ वीके सिंह, अमित बरनवाल, नवीन गुप्ता और आदिल प्रमुख तौर पर मौजूद रहे । सीएमओ ने हाल ही काक्लियर इम्प्लांट करवा चुकी सरदारनगर ब्लॉक की बच्ची मानवी (4) से मुलाकात की और निर्देश दिया कि बच्ची की स्पीच थेरेपी का विशेष ध्यान रखा जाए। बच्ची के पिता रामसजन ने बताया कि डेढ़ साल की उम्र में ही उन्होंने बीमारी की पहचान कर ली थी। पहले खुद से ही अस्पतालों में इलाज करवाने का प्रयास किया और फिर आशा कार्यकर्ता प्रेमशीला की मदद से आरबीएसके टीम से मिले । फरवरी 2023 में काक्लियर इम्प्लांट हुआ है। चिकित्सकों ने बताया है कि स्पीच थेरेपी चलेगी और बच्ची ठीक हो जाएगी ।

डिजिटल हियरिंग मशीन से सुन सकेंगे बच्चे

सरदारनगर ब्लॉक के मोतीपाकड़ गांव के रहने वाले पन्नेलाल ने बताया कि उनका 12 वर्षीय बेटा श्यामसुन्दर बचपन से ही नहीं सुन पाता है । उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, फिर भी निजी अस्पतालों में इलाज करवाया। बच्चा प्राइमरी स्कूल में पढ़ने जाता है। वहीं से आरबीएसके टीम ने स्क्रिनिंग की और बताया का उम्र निकल जाने के कारण अब काक्लियर इम्प्लांट तो नहीं हो सकता है लेकिन डिजिटल हियरिंग एड मशीन से बच्चा सुन पाएगा । सीएमओ कार्यालय में यह मशीन दी गयी है । भटहट ब्लॉक की महिमा और सरदारनगर ब्लॉक के अफरोज, अफरीन, वैष्णवी और अजीत को भी यह मशीन दी गयी ।

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