जौनपुर,
यदि मरीज गंभीर रोग से पीड़ित नहीं है। उसे जटिल सर्जरी (ऑपरेशन) की जरूरत नहीं है तो पास के पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) तक जाकर ही स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं की पूर्ति हो सकेगी। यहां लगा हेल्थ एटीएम सेहत से जुड़े सभी (60) जांच करके रोग के विषय में जानकारी दे देगा। रोग की वजह किसी पोषक तत्व की कमी या अन्य वजह तो नहीं। इसकी भी जानकारी आसानी से मिल सकेगी। इसके इलाज के लिए लखनऊ के एसजीपीजीआई या केजीएमयू के विशेषज्ञ चिकित्सक से भी सलाह लिया जा सकेगा। यही नहीं, वहीं पर दवाएं भी मिल जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल पर शीघ्र ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह क्रांतिकारी बदलाव दिखने लगेगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में होने वाली इस क्रांति के वाहक बनेंगे हेल्थ एटीएम और टेलीमेडिसिन। इस योजना के तहत सरकार प्रदेश के सभी पीएचसी (4600) पर हेल्थ एटीएम लगाएगी। इन पर जांच करने वालों को सरकार ट्रेनिंग भी देगी। यह व्यवस्था शुरू भी हो चुकी है।
स्वास्थ्य क्षेत्र पर मुख्यमंत्री की विशेष निगाह
दरअसल स्वास्थ्य क्षेत्र पर मुख्यमंत्री की विशेष निगाह रहती है। गोरखपुर संसदीय सीट का करीब दो दशक तक प्रतिनिधित्व करने के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में इंसेफेलाइटिस से दम तोड़ते पूर्वांचल के हजारों मासूमों और इससे उनके माता-पिता को होने वाले दर्द को शिद्दत से महसूस किया है। मुख्यमंत्री होने के बाद उन्होंने इस क्षेत्र में काफी कुछ किया। उन्होंने यह भी देखा कि किस तरह संसाधनों के अभाव में कोई मेडिकल कॉलेज सिर्फ रेफरल केंद्र बनकर रह जाता है। रेफर किये जाने वाले तमाम मरीजों के बचने का गोल्डेन ऑवर लखनऊ, दिल्ली या मुंबई पहुँचते-पहुँचते खत्म हो जाता है। ऐसे में इनमें से कई की असमय मौत हो जाती है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप हेल्थ सेक्टर में जो काम हो रहे हैं, उससे इसमें काफी हद तक कमी आएगी। । रिपोर्ट=शिव उपाध्याय