गीता साम्प्रदायिक नहीं वैश्विक धर्म ग्रंथ है: गांगेय हंस

  • गीता प्रसार शोभा यात्रा में शामिल हुए निकाय चुनाव के संभावित प्रत्याशी व श्रृद्धालु

(अम्बरीष कुमार सक्सेना)

गोण्डा। विराट गीता गोष्ठी का 22 वां महोत्सव का आयोजन रविवार को मालवीय नगर स्थित रामलीला परिसर में किया गया।
समारोह के मुख्य वक्ता वाराणसी के आध्यात्मिक विज्ञान के प्रख्यात विद्वान गांगेय हंस ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता किसी धर्म या मजहब का साम्प्रदायिक ग्रंथ नहीं है। यह सम्पूर्ण सृष्टि जड चेतन यहां तक कि अखिल व्रह्माण्ड का सार्वभौमिक शाश्वत दर्शन है।

केन्द्र सरकार को गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कर शैक्षिक पाठ्यक्रम में सम्मिलित करनी चाहिए। महोत्सव में बोलते हुए शिवधाम हरिद्वार के योगी रघुवंश पुरी ने कहा कि गीता विश्व का विराट लोकप्रिय दर्शन है। गीता का विराट दर्शन विरागी संतों को ज्ञान भक्ति वैराग्य तो शासक वर्ग को सत्ता को नैतिक रूप से संचालित करने एवं समाज व गृहस्थ को लभ हानि के लोभ को छोड़ नैतिक कर्तव्य का अनुसरण के साथ सर्वजन हिताय की प्रेरणा देती है।
महोत्सव का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं संगठन के साथ योगेश्वर श्री कृष्ण के विराट स्वरूप की वंदना से हुआ। गोष्ठी के लक्ष्य देश पर बोलते हुए महोत्सव के आयोजन व संरक्षक इंजीनियर सुरेश दुबे ने कहा कि युवाओं में सनातन धर्म के प्रति अभिरुचि जागृत करने व गीता का महत्व समाज में उपस्थित कराने के उद्देश्य कर 22 वर्ष पूर्व गोष्ठी का शुभारंभ स्वर्गीय पीएनपीएम श्रीवास्तव व अन्य बुद्धिजीवी साथियों के सहयोग से शुरू किया था। रविवार को रामलीला के शिव मंदिर में यह गोष्ठी नियमित रूप से चल रही है वह ग्राम समारोह का संचालन करते हुए राष्ट्रवादी विचारक जनार्दन सिंह ने कहा कि जीता केवल महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को भ्रमित अर्जुन को प्रेरित करने का मात्र आठ आठ ध्यान नहीं है बल्कि गीता का विराट दर्शन समाज को निज धर्म संस्कृति व स्वच्छ की सतत रक्षा करने के भाव का संकल्प है।

अयोध्या के योगाचार्य चैतन्य ने युवाओं को सनातन धर्म के मान बिंदुओं पर हो रहे प्रहार आप हमको उत्तर देते हुए भारतीय संस्कृति की रक्षा के प्रति जागरूक रहने के लिए गीता दर्शन अनुसरण करने की जरूरत है वह ग्राम। प्रवचन सत्र को वाराणसी की महादेव संत साहित्य भूषण से सम्मानित विवादों में सभी द्रोही शिवाकांत मिश्रा विद्रोही साहित्य मनीषी संत शरण त्रिपाठी उत्तम कुमार शुक्ल ने भी संबोधित किया।

इस मौके पर गीता गोष्ठी के वरिष्ठ सदस्य धीरेंद्र पांडेय ने सभी श्रोताओं श्रद्धालुओं के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में चन्द्र भाल मिश्रा पूर्व विधायक तुलसीदास रायचंदानी पूर्व राज्यमंत्री योगेश प्रताप सिंह भाजपा अध्यक्ष अमर किशोर कश्यप सूर्य नारायन तिवारी अखिलेश मिश्रा अनिल सिंह रमेश दूबे के के श्रीवास्तव कृष्णानन्द त्रिपाठी पंकज दूबे अमित सिंह नागेन्द्र पाण्डेय राजू ओझा व चन्द्र मौलि मिश्रा आदि मौजूद रहे।गीता प्रसार यात्रा में शामिल हुए चेयरमैन प्रत्याशी
गीता प्रसार यात्रा सुबह दस बजे रामलीला मैदान से निकलने पर एक ओर जहां नगर की श्रद्धालु महिलाओं भक्तों ने भाग लिया वहीं नगर पालिका चुनाव के संभावित प्रत्याशी रूपेश कुमार श्रीवास्तव निर्मल राजेशर राचंदानी आनन्द कुमार सिंह उमेश शुक्ल व दीपक अग्रवाल व अशोक सिंह आद नेता अपने समर्थकों के साथ शामिल हुए और नगर भ्रमण किया।समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम की रही धूम

विराट गीता गोष्ठी समारोह में आकाशवाणी एवं दूरदर्शन की लब्ध प्रतिष्ठित गायिका किरण पाण्डेय एवं डॉ प्रतीति पाण्डेय के सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ की धूम रही। पाण्डेय द्गय ने युगल स्वर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ – लताओं में ब्रज की निहारा करेंगे. कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे से किया। इसके उपरांत करुणाकर गोविंद धाय तुम बिन रहयो न जाए रे, दीनदयाल शरण मै तेरी, तुम बिन नाथ कौन गत मेरी….. हरि नाम सुमिरन, सुखधाम जगत में जीवन दो दिन का आदि गीतों से कार्यक्रम में धूम मच गई । श्रद्धालु श्रोता भजनों की सुमधुर गीतों से प्रफुल्लित हो उठे।

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