सीतापुर, नवीनगर को फाइलेरिया मुक्त बनाने का ग्रामीणों ने लिया संकल्प

  • दस अगस्त से शुरू हो रहे आईडीए राउंड में लोगों को दवा खिलाने को करेंगे प्रेरित

सीतापुर हरगांव ब्लॉक में गठित फाइलेरिया नेटवर्क का असर अब नजर आने लगा है। इनमें शामिल फाइलेरिया रोगियों को स्वास्थ्य विभाग के अलावा पाथ और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था द्वारा फाइलेरिया से बचाव और प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित किया गया, उसके बाद इन लोगों ने गांव के दूसरे लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने का काम किया। नवीनगर गांव के ग्रामीणों ने अब अपने गांव को फाइलेरिया मुक्त करने का संकल्प लिया है। यह ग्रामीण ग्राम सभाओं की बैठकों, कोटे की दुकान, स्कूलों में जाकर एवं सार्वजनिक स्थलों पर घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर यह भी बता रहे हैं कि फाइलेरिया (हाथी पांव) के लाइलाज बीमारी है। लेकिन दवा, फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल और व्यायाम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इस बीमारी से बचना है तो साल में एक बार तीन साल तक लगातार सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत दवा खाना जरूरी है। यह लोग आगामी 10 अगस्त से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान के बारे में जानकारी दे रहे हैं।


नवीनगर गांव के अनूप बताते हैं कि मेरी मां निर्मला देवी को पांच सालों से फाइलेरिया है। वह जब गांव के कोठी फाइलेरिया रोगी सहायता समूह से जुड़ीं तो इस बीमारी के बारे में तमाम जानकारियां हासिल की, जिन्हें वह घर आकर बताती थीं। इसके बाद मुझे और जानकारी प्राप्त करने की इच्छा हुई और मैं समूह की बैठकों में जाने लगा, जिसके बाद मुझे इस बीमारी के बारे में विस्तार से पता चला। अब मैं अपने दोस्तों के साथ जब भी बैठता हूं तो फाइलेरिया को लेकर चर्चा करता हूं साथ ही लोगों को बताता हूं कि 10 से 28 अगस्त तक फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी और इसे हर किसी को खाना है।


इसी गांव की सुमन देवी बताती हैं कि मेरे गांव में फाइलेरिया रोगी सहायता समूह की बैठक हो रही थी, मैं भी जिज्ञासावश इस बैठक में शामिल हो गईं। बैठक में फाइलेरिया पर हो रही चर्चा को सुना, और तमाम नई जानकारियां मुझे पता चलीं। मैं एक सत्संग समूह से जुड़ी हूं, इसलिए जब भी मैं सत्संग में जाती हूं या किसी अन्य अवसर पर महिलाओं के बीच होती हूं तो मैं उन्हें फाइलेरिया से बचाव की जानकारी जरूर देती हूं। आगामी दस अगस्त से जब फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने का अभियान चलाया जाएगा तो मैं स्वास्थ्य विभाग का पूरी तरह से सहयोग कर लोगों को दवा खिलाने के लिए प्रेरित करूंगी।
इसी गांव के नवल किशोर का कहना है कि मुझे पता चला है कि 10 से 28 अगस्त तक स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवाएं खिलाएंगी। मैं यह जानकारी अपने बुजुर्ग साथियों और गांव के दूसरे लोगों के साथ साझा करता हूं। स्वास्थ्य विभाग के इस अभियान में मैं पूरी तरह से शामिल होकर लोगों को इस बीमारी की गंभीरता बताते हुए उनसे फाइलेरियारोधी दवा खाने को प्रेरित भी कर रहा हूं।

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