– आईडीए राउंड के तहत लोगों को खिलाई जा रही फाइलेरिया से बचाव की दवा
सीतापुर हरगांव ब्लॉक के नवीनगर गांव के रामचंद्र के घर जब गांव की आशा कार्यकर्ता किरन गुप्ता जब फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने पहुंची तो रामचंद्र और उनकी पत्नी ने दवा खाने से साफ इंकार कर दिया। आशा कार्यकर्ता ने जब इसकी जानकारी गांव के नाथू बाबा फाइलेरिया रोगी सहायता समूह की पूजा को दी और दवा खिलाने में सहयोग करने को कहा। आशा कार्यकर्ता के साथ पूजा तुरंत ही रामचंद्र के घर पहुंच कर अपनी कहानी सुनाते हुए बताया कि वह खुद 10-12 सालों से फाइलेरिया से ग्रसित है और ऐसे में उन्हें दैनिक काम करने में तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह फाइलेरिया से बचाव से बचाव की दवा है और इसे हर किसी को खानी है। मैंने अपने पूरे परिवार को यह दवा खिलाई है। मेरे बाद किसी को फाइलेरिया न हो इसलिए मैं चाहती हूं हर कोई यह दवा खाए, आप और आपका परिवार भी यह दवा खाए और फाइलेरिया के संक्रमण से बचे। जिसके बाद रामचंद्र ने तो फाइलेरिया से बचाव की दवा खाई, साथ ही घर पर मौजूद अपनी पुत्रवधू और पौत्र को भी आशा कार्यकर्ता के सामने दवा खिलाई।
यह कहानी अकेले नवीनगर गांव की ही नहीं है। हरगांव ब्लॉक के मंगरूआ और चकजोशी गांव की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। मंगरुआ गांव शिवशक्ति फाइलेरिया रोगी सहायता समूह की सदस्य महेसा, सुरजाना और पुष्पा ने आशा कार्यकर्ता उमा रानी के साथ बुधवार को 25 घरों का भ्रमण किया। इस दौरान इन सदस्यों ने इंकार करने वाले सात लोगों को और चकजोशी गांव के जिन्द बाबा फाइलेरिया रोगी सहायता समूह की सदस्य नगीना ने इंकार करने वाले सात लोगों को समझा कर उन्हें दवा खिलाने में सहयोग किया है। इसी तरह नवीनगर गांव के शिवाला फाइलेरिया रोगी सहायता समूह की सदस्य नसरीन ने इंकार करने वाले तीन घरों के आठ लोगों को, इसी गांव के कोठी फाइलेरिया रोगी सहायता समूह की सदस्य सरवरी और प्रेम कुमारी ने इंकार करने वाले छह लोगों को, इसी गांव के शिवाला फाइलेरिया रोगी सहायता समूह के सदस्य अशोक कुमार ने इंकार करने वाले तीन घरों के 13 लोगों को और इसी गांव के नाथू बाबा फाइलेरिया रोगी सहायता समूह की सदस्य पूजा देवी ने इंकार करने वाले तीन लोगों को समझा कर उन्हें दवा खिलाने में आशा कार्यकर्ताओं का सहयोग किया है।
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*पूरी तरह से सुरक्षित है दवा: सीएमओ —*
सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने बताया कि दवा का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही करवाएं। दवा खाली पेट नहीं खानी है। फाइलेरिया से बचाव की दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। कई परीक्षणों के बाद यह दवा आमजन के खाने के लिए आई है। इसे हर किसी को खाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि दवा खाने के बाद किसी-किसी को जी मिचलाना, चक्कर या उल्टी आना, सिर दर्द, खुजली की शिकायत हो सकती है, ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने से हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं। ऐसी प्रतिक्रिया कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है। किसी भी विशेष परिस्थिति में सीएचसी अथवा आशा कार्यकर्ता के माध्यम से आरआर टीम का सहयोग लिया जा सकता है।