हरदोई, श्रावण में शिवोपासना सभी की मनोकामनाओं को पूर्ण करती है: आचार्य अशोक

हरदोई।शिव सत्संग मण्डल आश्रम हुसेनापुर धौकल स्थित सिद्धनाथ बाबा मंदिर में श्रावण उत्सव के अवसर पर आचार्य अशोक ने कहा कि श्रावण में शिवोपासना सभी की मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।
उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिव समस्त जगत के मूल हैं।शिव के साकार और निराकार दोनों ही रूपों में पूजा की जाती है।


उनका कहना था कि प्रातः जल्दी उठकर स्नान के बाद भक्ति भाव और विधि-विधान से भगवान शिव का पूजन एवं अभिषेक करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं,उन्हें किसी तरह का कोई भय नहीं रहता है। भगवान शिव का अभिषेक करना विशेष रूप से लाभदायक होता है।
बताया कि सोमवार का व्रत करने से पूरे परिवार को सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। जिनको क्रोध अधिक आता हो, तनाव में रहते हों, मानसिक रोग हों और स्वास्थ्य से भी कमज़ोर हों, उनके लिए शिव आराधना शुभ फलदायक होती है।शिव ही सर्वेसर्वा देवता हैं। शिव के शिवत्व की आराधना, अर्चना का आशय लोक की आराधना का है इसलिए अपने लोक के संरक्षक शिव अपने आप में लोक ही हैं।


कहा कि श्रुति का अर्थ वेद होता है। प्राचीन काल में वेद नित्य श्रवण किए जाते थे लेकिन शनै:-शनै: उनका सुनना कम हो गया तब यह निर्णय लिया गया कि इन्हें केवल वर्षाकाल में सुना जाए इसलिए इस काल में पड़ने वाले मास का नाम श्रावण हुआ।
इस मास को नभस के नाम से भी संबोधित किया जाता है जो बादल का पर्याय है। इसीलिए वर्षा ऋतु श्रावण की ऋतु मानी जाती है। कहा जाता है कि इसके माहात्म्य के श्रवण मात्र से सिद्धि प्राप्त होती है इसलिए भी यह श्रावण कहलाता है।श्रावण का एक अर्थ प्रसन्न करना भी होता है।
कहा कि भोलेनाथ की आराधना का मास सावन महीना जहां एक ओर आस्था के महापर्व मास के रुप मे जाना जाता है, वहीं विविध आयामों के स्थापना मसलन देश की आजादी का पर्व, पवित्र प्रेम की परिचायक रक्षाबंधन एवं स्नेह पर्व की प्रतीक भोजली उत्सव के रुप मे भी सावन मास की पहचान है।
जटपुरा गांव के पंडित कृष्णमोहन त्रिवेदी द्वारा शिव मंत्रोच्चार के साथ कराए गए रुद्राभिषेक में मित्र परिवार के संयोजक अनुराग श्रीवास्तव,शिव सत्संग मण्डल के प्रचारक प्रेम कुमार, डॉ. तेज राम , मुर्खानंद, यमुना प्रसाद,राम निवास, सोनपाल, राम लखन,रजनीश सक्सेना, अनूप पांडेय, श्याम अवस्थी, गोपाल त्रिपाठी,रिंकू, ध्रुव तिवारी, सत्यम सक्सेना, प्रभाकर बाजपेयी,वेद प्रकाश सक्सेना, सुषमा सक्सेना, नमिता रानी सक्सेना, गुड़िया,संगीता, मधु, छवि सक्सेना, अनमोल यादव, योगेन्द्र यादव,अनुज कुमार मिश्र, बजरंगवली सिंह, अजय कुमार गुप्ता, रामानंद अग्निहोत्री आदि सहित अनेक साधक मौजूद रहे।

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