माहवारी स्वच्छता दिवस आज, मिथक और भ्रांतियों पर प्रहार करने का है मौका
“आधी आबादी” को संक्रमण और बीमारियों से बचाती है सही जानकारी
गोरखपुर, 27 मई 2024
माहवारी कोई बीमारी नहीं है । यह न तो दोष है और न ही इससे कोई महिला या लड़की अपवित्र हो जाती है। बावजूद इसके मिथक और भ्रांतियों के कारण “आधी आबादी” को इन मुश्किल दिनों में शारीरिक कष्ट के साथ साथ मानसिक पीड़ा भी झेलनी पड़ती । सही जानकारी न मिलने के कारण महिलाएं कई संक्रामक बीमारियों की भी चपेट में आ जाती है। प्रत्येक वर्ष 28 मई को मनाया जाने वाला माहवारी स्वच्छता दिवस इस साल ‘‘टूगेदर : फॉर अ पीरियड फ्रैंडली वर्ल्ड’’ थीम के साथ मनाया जाएगा । इस साल सभी से सरकारी अपील की गयी है कि पीरियड फ्रैंडली वर्ल्ड का हैशटैग अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जरूर लगाएं और इस मुद्दे पर खुल कर चर्चा करें। ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि सही जानकारी किशोरियों और महिलाओं को संक्रमण और बीमारियों से बचाती हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि मिशन निदेशक से प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुसार जिले में किशोरियों और महिलाओं को माहवारी स्वच्छता के बारे में जानगरूक किया जा रहा है। लोगों तक यह संदेश पहुंचाया जा रहा है कि मासिक धर्म या माहवारी शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें साफ सफाई का विशेष महत्व है। मासिक धर्म के दौरान प्रत्येक चार घंटे में सैनेट्री पैड को अवश्य बदल देना चाहिए । कपड़ों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना है क्योंकि इससे संक्रमण हो सकता है। किशोरी सुरक्षा योजना के तहत सभी राजकीय स्कूलों में दस से उन्नीस वर्ष तक की किशोरियों को सरकारी खर्चे पर स्कूल द्वारा सैनेट्री पैड देने का प्रावधान है। इसे पाना हर किशोरी का हक है ।
राज्य की स्थिति
राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण पांच (2019-21) के अनुसार प्रदेश में 15 से 24 आयु वर्ग की 72.6 फीसदी महिलाएं माहवारी के दौरान सुरक्षित साधनों का इस्तेमाल कर रही हैं। इस स्थिति में और भी सुधार लाने की आवश्यकता है ताकि महिलाओं को सर्वाइकर कैंसर और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन आदि बीमारियों से बचाया जा सके।
माहवारी के दौरान पौष्टिक आहार जरूरी
किशोर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी डॉ एके वर्मा बताते हैं मासिक धर्म के दौरान न केवल आराम की आवश्यकता होती है, बल्कि पौष्टिक भोजन का सेवन भी किया जाना चाहिए । मासिक धर्म के दौरान जननांगों को नियमित तौर पर धुलना चाहिए । बहुत सी लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द और कमजोरी की शिकायत होती है । ऐसी अवस्था में ज्यादा दिक्कत होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेते हुए दवाओं के साथ-साथ आराम करना चाहिए । सतर्कता का व्यवहार न अपनाने से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, ल्यूकोरिया, धाध गिरने जैसी बीमारी के साथ-साथ अन्य कई प्रकार के संक्रमण हो सकते हैं । मासिक धर्म के दौरान हरी साग-सब्जी, ताजे फल, दही, दूध और अंडा का सेवन करना चाहिए । स्वच्छता और खानपान का ध्यान न रखने से एनीमिया का शिकार हो सकती हैं ।