हरदोई,पीड़ित ने आलमनगर चौकी पर तैनात दीवान अशोक उपाध्याय पर लगाया रिश्वत लेने का आरोप

रिश्वत के मामले में पूर्व में भी उक्त दीवान का ऑडियो हो चुका है वायरल

मझिला थाना क्षेत्र की है आलम नगर चौकी

हरदोई। थाना मझिला क्षेत्र के आलमनगर चौकी के अंतर्गत ग्राम लोना निवासी पीड़ित रामनिवास पुत्र रामचंद्र दे गए शिकायती पत्र में बताया कि उन्होंने 7 दिसंबर 2022 को आलमनगर चौकी पर एक प्रार्थना पत्र चौकी में तैनात दीवान अशोक कुमार उपाध्याय को दिया था और जिस में बताया था कि पीड़ित की निजी भूमि पर विपक्षी भगवान दास पुत्र मुरली निवासी उपरोक्त जबरदस्ती न्यू बनाकर दरवाजा रखना चाहते हैं जिस पर चौकी के दीवान अशोक कुमार उपाध्याय ने पीड़ित से रिश्वत ₹8000 की मांग की थी जिसको पीड़ित ने दे दिया था तो दीवान ने कहा था कि अब किसी भी तरीके से आप की जमीन पर दबंग गेट नहीं लगाएगा फिर उसके बाद पीड़ित ने 11 दिसंबर 2022 को क्षेत्राधिकारी शाहाबाद को शिकायती पत्र दिया था कि दबंग मेरी भूमि पर अवैध कब्जा करना चाहते हैं लेकिन कुछ दिनों के लिए तो मामला शांत हो गया लेकिन उक्त दबंगों ने पुनः उसी भूमि पर कब्जा करना शुरू कर दिया तो पीड़ित ने फिर आलमनगर चौकी पर गया और दीवान अशोक उपाध्याय से कहा कि आपने कहा था कि दरवाजा नहीं लगेगा और वह लोग दरवाजा लगाना चाहते हैं तो दीवान अशोक ने कहा की जो पिछले बार आपने रुपए दिए थे लगभग उतनी व्यवस्था और कर लो तो हम अब की बार मामले को रफा-दफा करके आप की भूमि को बचा देंगे तो पीड़ित ने अपनी गरीबी का हवाला दिया और कहा है कि साहब अब मैं इससे ज्यादा और नहीं आपको दे सकता है
वही चौकी पर तैनात दीवान की करतूतें इतनी ही नहीं बल्कि इससे पूर्व भी कई कारनामों में सुर्खियां बटोरने का काम किया और पुलिस विभाग की छवि धूमिल करने का भी उक्त दीवान ने काम किया दूसरा मामला एक बैंक से लेनदेन को लेकर पीड़ित ने भी प्रार्थना पत्र दिया था जिसमे भी दीवान ने आरोपी व अपने निजी दलाल मुकीम से हुई वार्ता का ऑडियो वायरल हुआ था कुछ दिन पूर्व ही ₹7000 के लेनदेन के मामले में भी अपने दलाल और आरोपी के बीच हुए बातचीत और लेन देन और आरोपी को बचाने का पूरा भरोसा दिला रहे हैं ऐसे कई कारनामे कर चुके हैं

ऑडियो रिकॉर्डिंग के मामले में क्षेत्राधिकारी शाहाबाद हेमंत उपाध्याय ने आलमनगर चौकी पर तैनात सभी हल्का सिपाहियों को थाने पर भेजने का फरमान दिया था और उनको तत्काल हटा भी दिया गया था लेकिन उपाध्याय पर जो कार्यवाही होनी चाहिए थी,वह अभी तक नहीं हुई आखिर क्यों ?

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