कानपुर,विश्व कैंसर दिवस विशेष,मुंह में बार-बार घाव भी हो सकता है कैंसर का कारण – डॉ महेश

‘क्लोज़ द केयर गेप’ थीम पर मनाया जाएगा विश्व कैंसर दिवस

जिला अस्पताल सहित समस्त स्वास्थ्य केंद्रों में होगी गोष्ठी

कानपुर , 3 फरवरी 2023

कैंसर के प्रति जागरूकता जरूरी है। हमें अपने खानपान और जीवन शैली में बदलाव लाना होगा। धूम्रपान से परहेज करना होगा। तंबाकू सेवन की वजह से गले और मुंह का कैंसर भी बढ़ा है। दांतों के शॉर्प होने की वजह से जबान और गाल में रगड़ लगने से भी घाव हो जाता है जो देखरेख के अभाव में कैंसर का कारण बन जाता है। बार-बार मुंह में घाव होना भी कैंसर का कारण हो सकता है। युवा पीढ़ी को जंक फूड से परहेज करना चाहिए। यह कहना है गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ महेश कुमार का।

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) की ओर से वर्ष 2022 में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 14.61 लाख लोग कैंसर ग्रस्त हैंI भारत में हर 9 में एक महिला एवं पुरुष को कैंसर का खतरा होता हैI वहीं कैंसर स्टैटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 63 प्रतिशत मृत्यु गैर संचारी रोगों से हो रही हैI इसमें 9 प्रतिशत का कारण कैंसर हैI

डॉ महेश ने बताया कि कैंसर की जानकारी तब हो पाती है जब तीसरी या चौथी स्टेज होती है। अगर लोग जागरूक हो तो कैंसर को पहली स्टेज पर ही फैलने से रोका जा सकता है। गैर संचारी रोगों के लॉजिस्टिक कंसलटेंट निशांत ने बताया की विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर शनिवार को सभी जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में विश्व कैंसर दिवस की थीम ‘क्लोज़ द केयर गेप’ पर लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को केंद्रीय विद्यालय में भी बच्चों को कैंसर के विषय में जागरूक किया गया।

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कैंसर के बारे में समुदाय में जागरुकता लाने और इसकी रोकथाम के लिए हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1933 में विश्व कैंसर दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी। इस दिवस का मनाने का उद्देश्य लोगों को कैंसर की बीमारी से बचने के बारे में जानकारी देना और उन्हें जागरुक करना होता है। वर्ष 2022 से वर्ष 2024 तक विश्व कैंसर दिवस की ‘क्लोज़ द केयर गेप’ थीम रखी गयी है।

कैंसर से बचाव के उपाय

• धूम्रपान, तम्बाकु, सुपारी, चना, पान, मसाला, गुटका, शराब आदि का सेवन न करें।
• विटामिन युक्त और रेशे वाला (हरी सब्जी, फल, अनाज, दालें) पौष्टिक भोजन खाएं।
• कीटनाशक एवं खाद्य संरक्षण रसायणों से युक्त भोजन धोकर खाएं।
• अधिक तलें, भुने, बार-बार गर्म किये तेल में बने और अधिक नमक में सरंक्षित भोजन न खाएं।
• अपना वजन सामान्य रखें।
• नियमित व्यायाम करें नियमित जीवन बिताएं।
• साफ-सुथरे, प्रदूषण रहित वातावरण की रचना करने में योगदान दें।

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