
🧹 दो माह से वेतन न मिलने पर तंबौर नगर पंचायत के सफाई कर्मियों का फूटा गुस्सा, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
तंबौर सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की तंबौर नगर पंचायत में सफाई कर्मियों का दो महीने से रुका वेतन अब गहरे संकट और तीखे विरोध का कारण बन गया है। शुक्रवार को, वेतन न मिलने से नाराज़ सफाई कर्मियों ने नगर पंचायत प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया और कस्बे के बस स्टॉप रोड को जाम कर दिया। इस अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे कर्मचारियों ने प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाते हुए तत्काल वेतन भुगतान की मांग की है।

💰 त्योहारी सीजन में आर्थिक तंगी, सड़क पर उतरे मजबूर सफाई कर्मी
सफाई कर्मियों का कहना है कि वे लगातार और ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं, लेकिन पिछले दो महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है। इस त्योहारी सीजन में, जब उन्हें अपने परिवारों के लिए जरूरी चीजें खरीदनी चाहिए, तब वे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। कर्मचारियों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि वेतन न मिलने से उनके सामने रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने की भारी परेशानी खड़ी हो गई है। उनका आरोप है कि कई बार नगर पंचायत अधिकारियों को लिखित और मौखिक रूप से इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

🚨 प्रशासन पर गंभीर आरोप: “सिर्फ आश्वासन, नहीं हुआ भुगतान”
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने नगर पंचायत प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अधिकारी केवल खोखले आश्वासन देते हैं, लेकिन वेतन भुगतान को लेकर कोई पहल नहीं की जाती है। वे कहते हैं कि मजबूर होकर उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा है और जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा। सफाई कर्मियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनका बकाया वेतन नहीं दिया गया, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उनकी हड़ताल से नगर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो सकती है, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा।
🚓 पुलिस बल मौके पर, प्रशासन ने दिया ‘फंड की कमी’ का हवाला
विरोध प्रदर्शन और रोड जाम की सूचना मिलते ही पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने सड़क जाम कर रहे कर्मचारियों को शांत करने और ट्रैफिक बहाल करने का प्रयास किया, लेकिन कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी है। पुलिस की निगरानी में यह धरना-प्रदर्शन चल रहा है। वहीं, इस मामले पर नगर पंचायत प्रशासन का कहना है कि फंड की कमी के कारण वेतन वितरण में विलंब हुआ है। प्रशासन ने दावा किया है कि इस समस्या को जल्द ही निश्चित कर लिया जाएगा और कर्मचारियों का बकाया वेतन दे दिया जाएगा। हालांकि, कर्मचारी वेतन मिलने तक धरना समाप्त न करने के अपने फैसले पर अड़े हुए हैं।
