गोरखपुर,राजकीय विद्यालयों में हक से सेनेटरी पैड मांगें किशोरियां

विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर सीएमओ ने की अपील

गोरखपुर, 28 मई 2023
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि चौदह से अठारह वर्ष की आयु वर्ग की प्रत्येक स्कूल जाने वाली किशोरी का अधिकार है कि वह स्कूल से सेनेटरी पैड प्राप्त करे । प्रत्येक किशोरी को एक साल में 72 सेनेटर पैड पाने का अधिकार है । इसकी मांग वह पूरे हक के साथ स्कूल से कर सकती हैं । सभी राजकीय विद्यालयों को जहां किशोरियों की पढ़ाई होती है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जाते हैं । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के मौके पर दिया।

सीएमओ ने बताया कि सेनेटरी पैड देने के साथ स्कूलों को यह निर्देश है कि किशोरियों को इसकी महत्ता के बारे में बताएं । राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम जब स्कूल का भ्रमण करती है तो टीम के चिकित्सक भी किशोरियों को पैड के बारे में जागरूक करते हैं । आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम के जरिये प्रत्येक माह की आठ तारीख को मनाए जाने वाले किशोरी दिवस के मौके पर मासिक धर्म से जुड़े मिथकों और भ्रांतियों के बारे में जागरूक किया जाता है । शहरी क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्था पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधियों के सहयोग से मलिन बस्तियों में रहने वाली किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जानकारी दी जा रही है ।

शाहपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सक डॉ नीतू मौर्या का कहना है कि मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं और न ही इससे कोई महिला या लड़की अशुद्ध हो जाती है । यह शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें साफ सफाई का विशेष महत्व है। मासिक धर्म के दौरान प्रत्येक चार घंटे में सेनेटरी पैड को अवश्य बदल देना चाहिए । कपड़ों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना है क्योंकि इससे इंफेक्शन का खतरा रहता है । मासिक धर्म के दौरान निजी अंगों की सफाई अवश्य करनी चाहिए । सतर्कता न बरतने से किशोरियां और महिलाएं सर्वाइकल कैंसर, बांझपन, यूरिनरी इंफैक्शन, ल्यूकिरया जैसी बीमारियों से ग्रसित हो सकती हैं ।

13.63 लाख पैड दिये गये
डिप्टी सीएमओ स्टोर डॉ अश्विनी चौरसिया ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में करीब 13.63 लाख सेनेटरी पैड शिक्षा विभाग को दिये गये । इससे पूर्व 2021-22 में 14.73 लाख पैड विभाग के जरिये किशोरियों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया ।

बदली है सोच
शहर के एक निजी विद्यालय की बारहवीं की 19 वर्षीय छात्रा अनुष्का यादव का कहना है कि प्राइवेट स्कूल में भी सेनेटरी पैड के इंतजाम होने चाहिए। अभिभावक और छात्राएं पैड के प्रति जागरूक हुए हैं और सोच भी बदली है, लेकिन प्राइवेट स्कूल में पैड का इंतजाम न रहने पर कई बार स्कूल में पीरियड आने पर कपड़ों का इस्तेमाल करना पड़ जाता है । अगर सुविधा उपलब्ध हो तो इसकी आवश्यता नहीं पड़ेगी । अच्छी बात यह है कि मासिक धर्म के बारे में अब खुल कर बात की जा सकती है और प्रत्येक घर में इसके प्रति जागरूकता का वातावरण तैयार हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *