बाराबंकी, उंगली का निशान दिखाकर बताएं मैंने फाइलेरियारोधी दवा खाई है

  • फाइलेरियारोधी दवा खाने वाले की तर्जनी पर लगेगा निशान

    बाराबंकी। आम चुनाव में जिस तरह मतदान के समय मतदाता की उंगली पर स्याही का निशान लगाया जाता है। उसी तरह इस बार के सामूहिक दवा सेवन अभियान (आईडीए राउंड) के दौरान फाइलेरियारोधी दवा खाने वाले लाभार्थी की उगंली पर निशान लगाया जाएगा। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आगामी 10 फरवरी से शुरू हो रहे इस अभियान की शत-प्रतिशत सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने यह कवायद शुरू की है। यह प्रक्रिया इसलिए भी की जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस बात का पता चल सके कि कितने लाभार्थियों ने इस दवा का सेवन किया है और कितने लाभार्थी इससे वंचित हैं। आगामी 10 से 28 फरवरी के मध्य स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर अपने सामने ही लोगों को दवा खिलाएंगी। दवा का वितरण नहीं किया जाएगा। दवा खाने वाले व्यक्ति के दाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर मार्कर पेन से निशान लगाया जाएगा।
    सीएमओ डॉ. अवधेश कुमार यादव का कहना है कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने की जरूरत है। यह अभियान तभी सफल होगा जब इसमें समुदाय के सभी लोग अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे। विभाग की कोशिश रहेगी कि कोई भी लाभार्थी दवा खाने से छूट न जाये। उन्होंने कहा कि फाइलेरियारोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है। फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं, तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद है। ऐसे लक्षण इन दवाओं के सेवन के उपरांत शरीर के भीतर परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं। परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम आरआरटी भी बनाई गई है। आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी को उपचार के लिए आशा कार्यकर्ता के माध्यम से बुलाया जा सकता है।
    एसीएमओ एवं वीबीडी के नोडल अधिकारी डॉ.डीके श्रीवास्तव ने बताया कि इस अभियान के दौरान तीन दवाएं (आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजॉल) खिलाई जाएंगी फाइलेरियारोधी दवा का सेवन एक वर्ष के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है। आइवरमेक्टिन ऊंचाई के अनुसार खिलाई जाएगी। एल्बेंडाजोल को चबाकर ही खानी है। एक से दो वर्ष की आयु के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलाई जाएगी। डाईइथाइल कार्बामाजिन (डीईसी) की गोली उम्र के हिसाब से खिलाई जाएगी। दो साल से कम उम्र के बच्चों को यह गोली नहीं दी जाएगी। दो से पांच साल तक की उम्र के बच्चों को एक गोली, 5 से 15 साल तक को दो गोली, 15 साल से अधिक के लोगों को 3 खिलाई जाएगी।

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