
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में स्थित ऐतिहासिक कस्बे जलालाबाद का नाम अब बदलकर परशुरामपुरी कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है, जिसके बाद अब यह कस्बा भगवान परशुराम के नाम से जाना जाएगा। यह फैसला केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद की पहल पर लिया गया है, जिन्होंने इस नाम परिवर्तन के लिए लंबे समय से प्रयास किए थे।
यह नाम परिवर्तन न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ा बदलाव है। इस ऐतिहासिक कदम के बाद, जितिन प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है। उनका मानना है कि यह निर्णय क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को और मजबूत करेगा।
जलालाबाद का नाम बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। इसके पीछे मुख्य कारण इस क्षेत्र का भगवान परशुराम से जुड़ाव था। माना जाता है कि परशुराम ने इस क्षेत्र में निवास किया था और यह स्थान उनकी तपस्थली से जुड़ा हुआ है। नाम बदलने के इस फैसले को स्थानीय लोगों ने एक सकारात्मक कदम बताया है, जो उनकी आस्था और इतिहास का सम्मान करता है।
नाम बदलने की प्रक्रिया और सरकार का रुख
केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने विभिन्न शहरों और स्थानों के पुराने नामों को बदलने की प्रक्रिया को गति दी है, जो भारतीय इतिहास और संस्कृति से जुड़े हैं। इसी क्रम में, मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और फैजाबाद का नाम अयोध्या करने जैसे कई बड़े फैसले लिए गए हैं। यह नाम परिवर्तन उसी सरकारी नीति का हिस्सा है, जिसके तहत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाले नामों को बहाल किया जा रहा है।
इस कदम से, परशुरामपुरी (जलालाबाद) का महत्व और बढ़ेगा। यह न केवल एक धार्मिक केंद्र के रूप में उभरेगा बल्कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं को भी आकर्षित करेगा। इस नाम परिवर्तन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि अब यह स्थान भगवान परशुराम से जुड़े एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में विकसित हो सकता है।
नाम बदलने के इस फैसले से, क्षेत्र के लोग भी काफी उत्साहित हैं और इसे अपनी सांस्कृतिक विरासत की वापसी के रूप में देख रहे हैं। यह कदम एक नई पहचान की शुरुआत है, जो अतीत के गौरव को वर्तमान से जोड़ती है।
