सीतापुर ब्रेकिंग: बीएसए-प्रधानाचार्य बेल्ट कांड में बड़ी कार्रवाई, बीएसए निलंबित, प्रधानाचार्य पहले ही जेल भेजे गए

संवाददाता,, नरेश गुप्ता
महमूदाबाद सीतापुर: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और एक प्रधानाचार्य के बीच हुई मारपीट की घटना, जिसे ‘बेल्ट कांड’ के नाम से जाना जा रहा है, में शासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया है।
घटना का विवरण:
यह घटना बीते मंगलवार (23 सितंबर, 2025) को बीएसए कार्यालय में हुई थी, जिसका सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। महमूदाबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नदवा विशेश्वरगंज के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र कुमार वर्मा स्पष्टीकरण देने के लिए बीएसए कार्यालय पहुंचे थे। बताया जाता है कि वहां एक महिला शिक्षिका की अनुपस्थिति को लेकर बहस शुरू हो गई, जो जल्द ही हिंसक हो गई। वायरल वीडियो में प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा ने मात्र छह सेकंड में बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह पर अपनी बेल्ट से पांच बार हमला किया। मारपीट के दौरान प्रधानाध्यापक ने बीएसए का मोबाइल भी छीनकर तोड़ दिया और सरकारी दस्तावेज़ फाड़ दिए।

निलंबन और गिरफ्तारी:
- प्रधानाचार्य पर कार्रवाई: घटना के तुरंत बाद, बीएसए की शिकायत पर पुलिस ने प्रधानाध्यापक बृजेंद्र कुमार वर्मा को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें जेल भेज दिया गया था। साथ ही बीएसए ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया था।
- बीएसए पर कार्रवाई: मामले में दोषी पाए जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने अब बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह को भी निलंबित कर दिया है।
- शिक्षिका पर कार्रवाई: विवाद के केंद्र में रही शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को भी बीएसए ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर निलंबित कर दिया है। उन पर लंबे समय से स्कूल से गैरहाजिर रहने का आरोप है।
विवाद की वजह:
प्रधानाध्यापक की पत्नी और ग्रामीणों के अनुसार, विवाद की मुख्य वजह महिला शिक्षिका अवंतिका गुप्ता की उपस्थिति (अटेंडेंस) को लेकर बीएसए द्वारा प्रधानाध्यापक पर बनाया जा रहा कथित दबाव था। प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा शिक्षिका की लंबे समय से अनुपस्थिति के कारण उनकी हाजिरी लगाने से मना कर रहे थे, जिसके चलते यह विवाद उत्पन्न हुआ।
विरोध और समर्थन:
इस घटना के बाद, प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा के समर्थन में ग्रामीण और स्कूल के बच्चे आ गए हैं। ग्रामीणों ने स्कूल में ताला जड़ दिया है और प्रधानाध्यापक को जेल से रिहा करने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में अब राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है।
शासन द्वारा बीएसए के निलंबन को इस पूरे मामले में बड़ी कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। मामले की निष्पक्ष जांच जारी है।
