
दोस्तों को फँसाने की ‘शराबी’ साजिश: 112 पर झूठी हत्या की सूचना देने वाला गिरफ्तार, 14 दिन की न्यायिक हिरासत
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
महोली सीतापुर: दोस्ती की आड़ में रची गई एक चौंकाने वाली साजिश का खुलासा उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की महोली तहसील में हुआ है। एक व्यक्ति ने अपने ही दोस्तों को हत्या के झूठे आरोप में फँसाने की खतरनाक योजना बनाई, लेकिन पुलिस की तत्परता और जांच ने उसे बेनकाब कर दिया। झूठी सूचना देने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
क्या था पूरा मामला?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, महोली क्षेत्र के एक व्यक्ति ने देर रात 112 (आपातकालीन सेवा) पर कॉल किया। उसने पुलिस को बताया कि उसने अपने दो दोस्तों की हत्या कर दी है और उनके शव को छिपा दिया है। सूचना मिलते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए, महोली पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक (SO) अपनी टीम के साथ तत्काल बताए गए स्थान पर पहुँचे।

घटना स्थल पर कोई शव नहीं मिला
जब पुलिस टीम ने घटना स्थल की सघन जाँच की, तो उन्हें वहाँ कोई शव या खून के निशान नहीं मिले। पुलिस ने कॉल करने वाले व्यक्ति की तलाश शुरू की और उसे जल्द ही पकड़ लिया गया। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि आरोपी उस समय शराब के नशे में था।
नशे में रची गई झूठी साजिश का खुलासा
गहन पूछताछ के बाद, आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने अपने दोस्तों को फँसाने के लिए यह झूठी कहानी गढ़ी थी। उसने बताया कि उसकी अपने दोनों दोस्तों से कुछ दिन पहले बहस या किसी बात पर मनमुटाव हो गया था। इसी दुश्मनी के चलते उसने शराब के नशे में धुत होकर अपने दोस्तों को हत्या के झूठे मामले में जेल भिजवाने की साजिश रची और पुलिस को गुमराह करने के लिए 112 पर झूठी सूचना दे दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की झूठी सूचनाओं से न केवल पुलिस का बहुमूल्य समय और संसाधन बर्बाद होते हैं, बल्कि वास्तविक संकट में पड़े लोगों तक मदद पहुँचने में भी बाधा आती है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC (भारतीय दंड संहिता) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। झूठी सूचना देकर सरकारी तंत्र का समय बर्बाद करने और लोगों को झूठे मामले में फँसाने की कोशिश करने के गंभीर आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद, आरोपी को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे 112 जैसी आपातकालीन सेवाओं का इस्तेमाल केवल वास्तविक आपात स्थितियों में ही करें और झूठी सूचना देकर कानून के साथ खिलवाड़ न करें। इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुलिस झूठी सूचनाओं को भी गंभीरता से लेती है और जाँच के बाद झूठे कॉलर पर सख्त कार्रवाई करती है।
