हरदोई।उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस दिवस पर 56 जिलों में एक वर्ष से 19 वर्ष तक के 7.15 करोड़ किशोर एवं किशोरियों को कृमि मुक्ति की दवा दवा खिलाई जाएगी।
इस दिवस पर दवा सेवन से छूटे बच्चों एवं किशोर किशोरियों के लिए 13-15 फरवरी को मापअप राउंड आयोजित होगा।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबंधक डॉ वेद प्रकाश के अनुसार अभियान की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और पंचायती राज समेत सभी 11 विभागों की मदद ली जाएगी। स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकत्री की मदद से एक वर्ष से पांच वर्ष तक के पंजीकृत बच्चों और छह वर्ष से 19 वर्ष तक के स्कूल न जाने वाले बालक-बालिकाओं को दवा खिलाई जाएगी।
वहीं छह वर्ष से 19 वर्ष तक के छात्र-छात्राओं को उनके शिक्षकों के माध्यम से दवा सेवन सुनिश्चित करना है। किशोर जुबेनाइल होम में प्रभारी अधीक्षक के माध्यम से किशोरों को दवा खिलाई जाएगी। यह दवा चबाकर खानी है। अभियान के दौरान कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करना आवश्यक है। यह दवा तत्काल सामने ही खानी है। किसी भी बच्चे या परिजन को बाद में खाने के लिए नहीं दी जाएगी।
किसको नहीं खानी है दवा
यदि बच्चे या किशोर को सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ है तो उसे दवा नहीं खानी है। इसके अलावा यदि बच्चे या परिवार के सदस्य को कोविड संक्रमण है तो क्वारंटीन अवधि समाप्त हो जाने के बाद उसे दवा खिलाई जाएगी।
पिछले वर्ष की उपलब्धि
पिछले वर्ष जुलाई में कृमि मुक्ति अभियान के दौरान प्रदेश सभी 75 जनपदों के 820 ब्लॉकों एवं 70 शहरी क्षेत्रों में दवा खिलाई गई। इस दौरान नौ करोड़ 41 लाख 30 हजार 379 बच्चों एवं किशोर किशोरियों को दवा खिलाने के लिए लक्षित किया गया था। वहीं अभियान के दौरान कुल सात करोड़ चार लाख 12 हजार 81 लोगों को दवा खिलाई गई। यानि 74.8 प्रतिशत लक्षित बच्चों एवं किशोर किशोरियों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाई गई थी। इस दौरान किसी भी ब्लॉक से किसी प्रतिकूल की घटना सामने नहीं आई थी।