कर रहे हैं टीबी मरीजों की काउंसिलिंग; बढ़ा रहे आत्मविश्वास
इटावा, 29 जनवरी 2022।
जीवन में कभी – कभी छोटे-छोटे प्रयास बड़े बदलाव लाते हैं | सामुदायिक रूप से कुछ लोग सक्रियता दिखाते हुए लोगों को जागरूक कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। इसी तरह बसरेहर ब्लॉक ग्राम नगला भिखन निवासी 35 वर्षीय टीबी चैंपियन साहिब सिंह क्षय रोग से स्वस्थ होकर समाज में क्षय रोग के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर कर रहे हैं | इसके साथ ही जिन लोगों में टीबी के लक्षण दिखते हैं उनको सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर जांच करा रहे हैं।
साहिब सिंह बताते हैं कि बीमारी कोई भी हो, मानसिक रूप से वह कहीं न कहीं आपको प्रभावित जरूर करती है। सन् 2019 की बात है जब मुझे अक्सर बुखार बना रहता था और रात में खांसते समय पसीना आ जाता था और कमजोरी भी महसूस होती थी | ध्यान दिया तो पता चला वजन भी कम हो रहा है । इस पर इटावा में निजी चिकित्सालय जाकर डॉक्टर को दिखाया और इलाज कराया लेकिन आराम नहीं मिला, इसके बाद आगरा जाकर इलाज कराया | लगभग दो लाख रुपये इलाज में खर्च हो गए लेकिन समस्या बनी की बनी रही | इस तरह छह महीने इधर-उधर इलाज कराता रहा मेरी स्थिति बहुत खराब होने लगी, एक समय ऐसा आया कि मैं ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता था तभी एक दिन पत्नी ने बसरेहर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर मेरे बलगम की जांच कराई, जिसमें टीबी की पुष्टि हुई | इसके बाद एक्स-रे कराने पर पता चला दाहिने हाथ की तरफ तीन पसलियों में धब्बे दिख रहे हैं व फेफड़े टीबी से प्रभावित हो चुके हैं | समय से सही इलाज न मिलने की वजह से मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस (एमडीआर) टीबी से ग्रसित हो गया था । यह जानकार घबरा गया लेकिन बसरेहर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विकास सचान व सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर हसन ने समझाया और भावनात्मक सहयोग प्रदान किया व सैफई मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया | उन्होंने बताया कि सही खानपान और समय से दवा लेने से जल्दी स्वस्थ हो जाऊँगा |
साहिब सिंह का कहना है कि भर्ती होने के छह दिन बाद ही सही दवा सेवन से बेहतर महसूस करने लगा और धीरे-धीरे 24 महीने के इलाज के कोर्स को पूरा किया | इस दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत मुझे हर माह 500 रुपये प्राप्त हुए ।आज मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं और पत्नी को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने समझदारी दिखाते हुए टीबी की जांच कराई व सरकारी इलाज करवाने के लिए प्रेरित किया | बीमारी के समय भावनात्मक सहयोग भी लोगों ने प्रदान किया। साहिब सिंह अब यह मानते हैं कि अगर सही समय पर सही इलाज न मिले तो पैसा तो खर्च होता ही है साथ ही शरीर को भी कष्ट होता है। इसीलिए मैंने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर लोगों को यह समझाना शुरू किया कि टीबी से बचाव के लिए सही सरकारी इलाज जरूरी है ताकि लोग मेरी तरह इलाज के लिए इधर-उधर न भटकें और न ही पैसे बर्बाद करें |
बसरेहर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विकास सचान ने बताया कि टीबी चैंपियन के रूप में साहिब सिंह सदैव सक्रिय रहते हैं | इन्होंने अब तक अपने क्षेत्र से लगभग 20 लोगों की टीबी की जांच कराई, जिसमें कुछ लोगों में टीबी की पुष्टि भी हुई | उन लोगों को भावनात्मक सहयोग प्रदान करते हुए इलाज के संदर्भ में सारी जानकारी दी। डॉ सचान ने बताया – हर 15 तारीख को मनाए जाने वाले निक्षय दिवस पर भी टीबी चैंपियन साहिब सिंह लोगों को जागरूक कर सभी को बताते हैं कि टीबी का बेहतर इलाज सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है | इसलिए दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी-बुखार बने रहने, बलगम से खून आने, वजन गिरने जैसे लक्षण दिखें तो बेझिझक जांच करवाएं और यदि टीबी की पुष्टि होती है तो घबराएं नहीं बल्कि समय से सरकारी इलाज का कोर्स पूरा करें और जल्द स्वस्थ हो जाएं।