अटरिया,अब प्रधान नही पंचायत सदस्यों की टीम संभालेगी विकाश कार्यो की कमान

अटरिया सीतापुर जनपद के विकासखंड सिधौली क्षेत्र की अटरिया ग्राम पंचायत की प्रधान पूनम सिंह पत्नी अमर सिंह के कामकाज पर प्रशासन ने विराम लगाते हुए पंचायत सदस्यों को विकास कार्यो की देखरेख का जिम्मा सौंपा है बता दे अटरिया ग्राम पंचायत में काफी दिनों से भ्रष्टाचार को लेकर प्रशासन के द्वारा जांच कार्यवाही चल रही थी जिसमें पूर्व ग्राम विकास अधिकारी को भ्रष्टाचार में संलिप्त पाते हुए दोषी करार दिया गया है किंतु मामला यहां पर खत्म नहीं होता पंचायती राज विभाग द्वारा अटरिया ग्राम प्रधान के कलम को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है वहीं दूसरी तरफ ग्राम पंचायत के पंचायत सदस्यों की टीम को विकास कार्यों का जिम्मा भी सौंपा गया है उक्त ग्राम पंचायत के पंचायत सदस्यों में 2 महिलाएं व एक पुरुष की टीम बनाई गई है

जिसमें पहला नाम_ रीता देवी पत्नी छत्रपाल सदस्य ग्राम पंचायत अटरिया, व

दूसरा स्थान मोहित कुमार बाजपेई पुत्र शिव कुमार बाजपेई सदस्य ग्राम पंचायत अटरिया व तृतीय स्थान श्रीमती कमला पत्नी राधेश्याम के द्वारा अटरिया ग्राम पंचायत के विकास कार्यों की देखरेख सुनिश्चित किए जाने हेतु संबंधित विभागों को जिलाधिकारी द्वारा आदेशित शासनिक पत्र भी भेजे जा चुके हैं बताया जा रहा है बीते कई वर्षों से भ्रष्टाचार के मामलों में चर्चा में रही ग्राम पंचायत अटरिया के ग्राम प्रधान पर पंचायती राज विभाग द्वारा सख्त कदम उठाए गए हैं चर्चाओं के अनुसार संबंधित ग्राम प्रधान का पहले भी कई बार बस्ता जमा किया जा चुका था

_ग्राम पंचायत का क्या अर्थ है?

ग्राम पंचायत (अनुवाद। ‘ग्राम परिषद’) भारतीय गांवों में एक बुनियादी ग्राम-शासी संस्थान है। यह भारत में जमीनी स्तर पर एक लोकतांत्रिक संरचना है। यह एक राजनीतिक संस्थान है, जो गांव के कैबिनेट के रूप में कार्य करता है। ग्राम सभा ग्राम पंचायत के सामान्य निकाय के रूप में कार्य करती है।

जानिए क्या होते हैं ग्राम पंचायत सदस्य

_क्या होते हैं ग्राम पंचायत सदस्यों के कार्य

ग्राम पंचायतें ग्राम की स्वच्छता, प्रकाश, सड़कों, औषधालयों, कुओं की सफाई और मरम्मत, सार्वजनिक भूमि, पैठ, बाजार तथा मेलों और चरागाहों की व्यवस्था करती हैं, जन्म मृत्यु का लेखा रखती हैं और खेती, उद्योग धंधों एवं व्यवसायों की उन्नति, बीमारियों की रोकथाम, श्मशानों और कब्रिस्तानों की देखभाल भी करती हैं।

_ग्राम पंचायत सदस्यों को क्या कहते हैं

वार्ड सदस्यों का चुनाव जनता करती है। इन वार्ड सदस्यों को पंच के रूप में भी जाना जाता है जो सरपंच नामक एक मुखिया के साथ पंचायत बनाते हैं।

_ग्राम पंचायत में कितने सदस्य होते हैं?

पंचायती राज शासन की एक प्रणाली है जिसमें ग्राम पंचायत प्रशासन की बुनियादी इकाइयाँ हैं। सदस्यों की संख्या आमतौर पर 7 से 31 तक होती है; कभी-कभी, समूह बड़े होते हैं, लेकिन उनमें कभी भी सात से कम सदस्य नहीं होते हैं।

। प्रधान ही ग्रामसभा का मुखिया होता है, यह बात सभी को पता है, लेकिन विकास कार्यों को गति देने के लिए छह समितियां भी गठित होती हैं। इसमें प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य ही सभापति होते हैं। विशेष आमंत्रित सदस्य भी शामिल होते हैं

जानकारों की माने तो,

“हर ग्राम पंचायत में ‘छह-छह समितियां गठित होंती है, हर समिति में एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग व महिला का होना जरूरी है। साथ ही सात विशेष आमंत्रित सदस्य भी विषय विशेषज्ञ के रूप में रहते हैं। लेकिन यह मतदान में प्रतिभाग नहीं कर सक्ते है।’

जानकर आगे बताते हैं कि ‘छह समितियों में नियोजन एवं विकास समिति, शिक्षा समिति, प्रशासनिक समिति, निर्माण कार्य समिति, स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति और जल प्रबंधन समिति शामिल हैं।’ इसके अलावा जानकार रो का कहना है कि ‘भूमि प्रबंधन समिति भी होती है। प्रधान ही इसके सभापति व उप प्रधान उप सभापति होते हैं। लेखपाल इस समिति के सचिव होते हैं। यह समिति पंचायत क्षेत्र के अंदर सार्वजनिक सम्पत्ति का रखरखाव व देखभाल करती है। साथ ही पेड़, वन, हाट बाजार और मेलों की भी व्यवस्था करती है।’ उन्होंने आगे बताया कि ‘तालाब, पोखर के विकास व भूमि प्रबंधक समिति चकबंदी में भी सहायता करेगी। संयुक्त समिति दो या अधिक ग्राम पंचायतें मिलकर काम कर सकती हैं। यह संयुक्त समिति गठन कर सकती हैं।

‘1-नियोजन एवं विकास समिति
नियोजन एवं विकास समिति में ग्राम पंचायत की योजना तैयार होगी। कृषि पशुपालन व गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रम संचालित होंगे। प्रधान सभापति और छह अन्य सदस्य में एससी, महिला व पिछड़े वर्ग का एक सदस्य जरूरी है।

2.शिक्षा समिति

शिक्षा समिति में प्राथमिक शिक्षा, उच्च प्राथमिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा, साक्षरता से सम्बंधित काम होंगे। उप प्रधान सभापति होंगे।

3.निर्माण कार्य समिति
निर्माण कार्य समिति में सभी निर्माण कार्य कराना और गुणवत्ता सुनिश्चित करना होगा। इसमें ग्राम पंचायत की ओर से नामित सदस्य सभापति होंगे।

4.स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति
स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति में चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण सम्बंधी कार्य और समाज कल्याण विशेष रूप से महिला एवं बाल कल्याण की योजनाओं का संचालन होगा। साथ ही एससी, एसटी व पिछड़े वर्गकी उन्नति एवं संरक्षण का काम भी होगा। ग्राम पंचायत की ओर से नामित सदस्य सभापति होंगे।

5.प्रशासन समिति
प्रशासन समिति में कर्मियों सम्बंधी सभी विषय व राशन की दुकान सम्बंधी कार्य होंगे। प्रधान इसके सभापति रहेंगे।

6.जल प्रबंधन समिति
जल प्रबंधन समिति में राजकीय नलकूपों का संचालन व पेयजल सम्बंधी कार्य होंगे। ग्राम पंचायत की ओर से नामित सदस्य ही सभापति होंगे।

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