लखीमपुर खीरी,इन्फ्लूएंजा को लेकर घबराने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत: सीएमओ

– विभाग ने जारी की एडवायजरी, प्रोटोकाल का पालन जरूरी

लखीमपुर खीरी।
प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में एच 3 एन 2 के रोगी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने सक्रियता दिखाना शुरू कर दिया है। इसके लिए मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता द्वारा सीजनल एनफ्लूएंजा एच 3 एन 2 के संक्रमण से बचाव के लिए सावधानियां एवं प्रोटोकाल का अनुपालन कराए जाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि यह अच्छी बात है कि जिले में एच 3 एन 2 से संक्रमित कोई भी व्यक्ति नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा को लेकर घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। इस संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए हम सभी को कुछ सावधानियां एवं प्रोटोकाल का पालन करना बेहद जरूरी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि एच 3 एन 2 के संक्रमण से बचाव के लिए सार्वजनिक स्थलों, चिकित्सालयों, कार्यालयों, बाजारों एवं अन्य भीडभाड़ वाले स्थानों पर मास्क एवं सेनेटाइजर का प्रयोग करें। खांसते एवं छींकते समय नाक एवं मुंह ढक कर रखें। नाक, चेहरा एवं आंख को बार-बार छूने से बचें। पानी एवं तरल पदार्थ का अत्यधिक प्रयोग करें। हाथ मिलाने एवं गले मिलने से बचें,  सार्वजनिक स्थलों पर थूकें  नहीं,  शारीरिक दूरी का पालन करें, बच्चे, बुजुर्ग एवं बीमार लोग भीड़ भाड़ वाली जगहों पर अनावश्यक जाने से बचें।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी  डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि देश और प्रदेश में मौसमी इन्फ्लूएंजा के जो भी मामले आएं हैं, उनमें यह अच्छी बात है कि ज्यादातर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही। यदि किसी को फ्लू जैसे लक्षण हैं तो उसे कोविड के अलावा एनफ्लुएंजा टेस्ट भी कराना चाहिए। बुखार, सदी-खांसी, कफ और सिर व शरीर में दर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एनफ्लूएंजा के लक्षण आने पर स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। बिना चिकित्सक की सलाह के दवाओं का सेवन न करें। कुछ मामलों में कफ के लंबे समय तक रहने की बात सामने आई है लेकिन आमतौर पर 7 से 10 दिनों में पेशेंट पूरी तरह ठीक हो जाते हैं
इनसेट –
*इन्फ्लूएंजा के लक्षण —*
– एक सप्ताह या इससे अधिक दिन तक बुखार।
– नाक से पानी आना।सिर में दर्द रहना।
– उल्टी महसूस होना।भूख का कम होना।शरीर में दर्द रहना।
– बुखार भी तेज होना। खांसी काफी समय तक रहना।बलगम की परेशानी बढ़ना।
इनसेट —
*ऐसे करें बचाव —*
– बाहर निकलते समय या ऑफिस में हमेशा फेस मास्क पहनें।
– खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह कवर करें।
– भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
– हाथों को समय-समय पर पानी और साबुन से धोते रहें।
– खुद को हाइड्रेट रखें, पानी-फ्रूट जूस या अन्य पेय पदार्थ लेते रहें।
– नाक और मुंह छूने से बचें।
– सार्वजनिक स्थलों पर न थूकें और न ही हाथ मिलाएं।
– किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क से बचें।
– चिकित्सक की सलाह लिए बगैर एंटीबायोटिक न लें।

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