श्रमवीर नामक प्रबन्ध काव्य रचने के लिए खाते में आई यह नई कामयाबी
सिधौली (सीतापुर)। कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्त्थर तो तबियत से उछालो यारो। मशहूर शायर दुष्यन्त कुमार की इन पंक्तियों को चरितार्थ कर दिखाया है राष्ट्रीय और सामाजिक सरोकार के प्रखर साहित्यकार देवेन्द्र कश्यप ‘निडर’ ने। दरअसल देश के छ: युवा साहित्यकारों को पं. प्रताप नारायण मिश्र युवा पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। इसमें भटिंडा पंजाब के कलमकार डॉ. अमित कुमार सिंह कुशवाहा, बक्सर बिहार के डॉ. संजय कुमार चौबे, कन्नड़ भाषा साहित्यकार कर्नाटक के डॉ. सुनील केएस, कानपुर के मृदुल कपिल और शाहजहांपुर की सृष्टि पाण्डेय के साथ सीतापुर के एक छोटे से गाॅंव अल्लीपुर निवासी देवेन्द्र कश्यप ‘निडर’ ने इस प्रतिष्ठित फेहरिस्त में अपना स्थान बनाया है। सूत्रों के अनुसार देवेन्द्र कश्यप ‘निडर’ ने माउण्टेन मैन आफ इण्डिया के नाम से मशहूर दशरथ माॅंझी के विराट और विकट जीवन संघर्ष पर केन्द्रित एक प्रबन्ध काव्य श्रमवीर के शीर्षक से लिखकर साहित्यिक जगत में धमाकेदार उपस्थिति दर्ज करायी है। इस कृति ने इन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने योग्य बनाया है। इसके पहले देवेन्द्र कश्यप ‘निडर’ को लोकभाष अवधी में शानदार साहित्य सृजन की प्रतियोगिता में राज्य हिन्दी संस्थान बनारस ने सम्पूर्ण प्रदेश में प्रथम स्थान का पुरस्कार प्रदान कर अलंकृत किया है। चूॅंकि देवेन्द्र कश्यप ‘निडर’ बेसिक शिक्षा परिषद में बतौर सहायक अध्यापक के साथ साथ दमदार कलमकार हैं इसलिए इन्हें पं. शिवराम मिश्र आदर्श शिक्षक साहित्यकार सम्मान से भी विभूषित किया जा चुका है। इनकी रचनायें लोक गायकों द्वारा भी गायी जाती है। प्रधान संयोजक प्रोफेसर विजय कर्ण के मुताबिक यह पुरस्कार भाऊराव देवरस समिति लखनऊ द्वारा सम्बंधित साहित्यकार को पच्चीस हजार रुपये की अनुग्रह राशि, सरस्वती प्रतिमा, अंगवस्त्र और प्रताप नारायण मिश्र का साहित्य प्रदान किया जाता है। शीघ्र ही सभी चयनित साहित्यकारों को यह पुरस्कार दिया जायेगा। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए देवेन्द्र कश्यप ‘निडर’ का नाम चयनित होने पर कानपुर के साहित्यकार जयराम सिंह जय, सुरेश साहनी अदीब, मुम्बई महाराष्ट्र के अजय साहनी स्टार, अन्तरराष्ट्रीय भाषा संस्थान सूरत (गुजरात) के अध्यक्ष और भाखा पत्रिका के प्रधान सम्पादक डॉ. गंगा प्रसाद शर्मा गुणशेखर, हरदोई के साहित्यकार पवन प्रगीत, आर बी शर्मा, अनिल यादव अनिकेत, सीतापुर के साहित्यकार केदारनाथ शुक्ल, रोहित विश्वकर्मा, विनोद शर्मा सागर, अनुराग आग्नेय, डॉ. रिजवान अंसारी, लखीमपुर खीरी से सूरेश सौरभ, आचार्य नन्दी लाल, शिक्षाविद आर डी वर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता व रहनुमा राजेश कश्यप, चन्द्रशेखर प्रजापति, गायत्री देबी, पिंकी प्रजापति, ओम प्रकाश अत्रि सहित उनके सैकड़ों शुभचिंतकों और साहित्यकारों ने खुशी का इजहार किया है।