- फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों से बातचीत भी की
सीतापुर। बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) की इग्जीक्यूटिव लीडर शिप टीम के सदस्य मंगलवार को सीतापुर पहुंचे और विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के साथ उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य प्रणालीयों और उससे जुड़ी सेवाओं की प्रगति का जायजा लिया। इस दौरान टीम ने जिला महिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन देखा और हरगांव ब्लॉक के फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के साथ भी संवाद किया।
इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में तकनीकी सहयोग के ज़रिये आरएमएनसीएचए लक्ष्यों की प्रगति और फाइलेरिया रोगी सहायता समूह जैसे हस्तक्षेप की प्रभावकारिता को समझना था। टीम ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश की तकनीकी सहयोगी इकाई (यूपी टीएसयू) के साथ जिला महिला अस्पताल का भ्रमण किया। इस दौरान टीम ने चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुषमा कर्णवाल से मुलाकात की।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुषमा कर्णवाल ने बताया कि टीम ने प्रसव कक्ष, औषिध भंडार कक्ष और मिनी स्किल लैब का निरीक्षण किया। टीम ने औषधि भंडार कक्ष में ऑन लाइन जारी हो रहे इंडेंट के बारे में एवं मातृ, नवजात व बाल स्वास्थ्य से जुडी सेवाओं की भी जानकारी ली। इसके बाद टीम ने हरगांव ब्लॉक के विभिन्न गांवों में सेंटर फॉर एड्वोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से बनाए गए फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों से मुलाकात की। सदस्यों ने टीम के साथ अपने अनुभव साझा किये और विस्तार से बताया कि वे किस प्रकार रोगी नेतृत्व के जरिये फाइलेरिया जैसी उपेक्षित बीमारियों के प्रति निर्णयकर्ताओं के समक्ष अपने दृष्टिकोण को उजागर करने और समुदाय में जागरूकता लाने के लिए कार्यक्रम की मदद कर रहे हैं। फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों ने बताया कि वह लोग किस तरह से जागरूक हुए हैं और स्कूल, राशन की दुकान और हाट-बाजार में जाकर समुदाय में जागरूकता लाने के लिए किस तरह से सहयोग कर रहे हैं। डॉ. कर्णवाल ने बताया कि टीम के सदस्य अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं और फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों के कार्याें से संतुष्ट दिखे। इस मौके पर बीएमजीएफ की ग्लोबल टीम और भारतीय टीम के सदस्यों के साथ ही यूपी टीएसयू और सीफार के प्रतिनिधि मौजूद रहे।