– तीन किस्तों में मिलने वाले पांच हजार रुपए दो किस्तों में मिलेंगे
– प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में सरकार ने किया संशोधन
सीतापुर। गर्भवती और धात्री महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) का लाभ आसानी से मिल सके, इसको लेकर इसमें केंद्र सरकार द्वारा कुछ संशोधन कर इसे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) 2.0 के रूप में लागू कर दिया है। इस नई व्यवस्था के तहत अब तीन किस्तों में मिलने वाले पांच हजार रुपए दो किस्तों में मिलेंगे। योजना का लाभ पाने के लिए पिता के आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर दी गयी है। दूसरा बच्चा बेटी होने पर योजना की पूरी धनराशि मिलेगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मधु गैरोला ने दी। सीएमओ ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए समय सीमा में भी बदलाव किया गया है। अब बच्चे के जन्म लेने के 270 दिन तक लाभार्थी पंजीकरण कर सकेंगे। इस संबंध में केन्द्रीय अपर सचिव ललित ग्रोवर की ओर से जारी निर्देश जारी किये गये हैं।
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पिता के आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त —
योजना के नोडल अधिकारी डॉ. आरएन गिरि ने बताया कि इस योजना को पूरी तरह डिजिटल कर दिया गया है। इसमें फार्म भरने की जरूरत नहीं है, आशा कार्यकर्ता और एएनएम पोर्टल पर सीधे लाभार्थी का ब्योरा भर सकेंगी। योजना में पहले पिता का आधार कार्ड होना अनिवार्य था, अब यह अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। उन्होंने कहा इससे अब उन महिलाओं को भी लाभ मिल सकेगा जो तलाकशुदा और सिंगल मदर हैं। केवल मां के आधार कार्ड पर योजना का लाभ मिल सकेगा।
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*अब तीन नहीं दो किस्तों में मिलेगी योजना की धनराशि —*
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में पहले लाभार्थी को तीन किस्तों में पांच हजार रुपये दिये जाते थे। प्रथम किस्त के रूप में 1000 रुपये, दूसरी किस्त के रूप में (गर्भावस्था के छह माह बाद) 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते थे लेकिन अब यह धनराशि दो किस्तों में मिलेगी। प्रथम किस्त (तीन हजार रुपये) प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर और दूसरी किस्त (दो हजार रुपये) बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने, बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर मिलेगी। बच्चे का जन्म होने के 270 दिन बाद तक योजना का लाभ लिया जा सकेगा।
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*बालिका होने पर ही मिलेगी दूसरी किस्त —*
इस योजना के तहत दूसरी बार गर्भवती होने और प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच कराने पर गर्भवती को प्रथम किस्त (तीन हजार रुपये) मिलेंगे लेकिन योजना की दूसरी किस्त (तीन हजार रुपये) तभी मिलेगी जब दूसरा बच्चा बेटी हो। उन्होंने कहा यह राशि बालिकाओं के प्रति सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए है।
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*अब तक 1,50,467 लाभार्थी फार्म पंजीकृत —*
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक अम्बरीश दुबे ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से मिले लक्ष्य 1,53,822 के सापेक्ष अब तक 1,50,467 फार्म पंजीकृत किये जा चुके हैं। अब तक 62,74,80,000 रुपये का भुगतान लाभार्थियों को किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) एक जनवरी 2017 से लागू है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 की धारा चार के प्रावधानों के अनुसार योजना का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसका उद्देश्य मां और बच्चे के लिए पोषण के साथ-साथ मजदूरी के नुकसान के लिए आंशिक मुआवजे के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना है। योजना के तहत मिलने वाली धनराशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।