इलाके के छह लोगों को बनाया क्षय मुक्त
इटावा, मार्च 2023
हमारी स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने और लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए आशा जिस तरह देश भर में काम कर रही हैं इसकी सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की है। इसी क्रम में शहरी क्षेत्र गाड़ी पुरा की आशा ‘निशा’ अपने क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी देकर गृह भ्रमण कर जागरूक कर रही हैं। निशा ने 2018 में आशा कार्यकर्ता के रूप में काम करना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। वह अपने क्षेत्र के लोगों को विशेषकर क्षय रोग से बचाव के प्रति सही इलाज और सही खानपान के संदर्भ में घर-घर जाकर जानकारी देती हैं। क्षेत्रवासी उनकी सलाह को गंभीरता से लेते हैं और समस्या होने पर उनसे संपर्क करते हैं।
आशा निशा बताती हैं 2018 से अब तक अपने क्षेत्र के छह लोगों का टीबी का इलाज मैंने अपनी देखरेख में करवाया है। सभी स्वस्थ हैं। सही इलाज और उचित खानपान अपनाकर टीबी का इलाज कराने वाले लोग जब से स्वस्थ हुए हैं। इसके बाद क्षेत्र के लोग मेरे कहने पर अब आसानी से टीबी की जांच कराने के लिए मान जाते हैं। मेरी बातों को गंभीरता से लेने लगे हैं। यही कारण है अप्रैल 2022 से अब तक मैंने अपने क्षेत्र के लगभग 18 लोगों की टीबी की जांच कराई। इसमें 2 लोगों को टीबी की पुष्टि हुई और उनका इलाज चल रहा है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ शिवचरण ने कहा की राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और जिस तरह आशा निशा क्षय रोगियों के इलाज के लिए काम कर रही हैं, मैं उनके कार्य की सराहना करता हूं।
जिला कार्यक्रम समन्वयक कंचन तिवारी ने बताया कि निशा का मिलनसार स्वभाव और उनकी काम के प्रति निष्ठा उनके काम को औरों से अलग बनाती है। इससे लोग उनकी बात को गंभीरता से सुनते हैं और क्षय रोगी उनकी बात मानते हैं। एसटीएफ योगेंद्र ने बताया कि गाड़ीपुरा क्षेत्र के संभावित क्षय रोगियों की जांच व क्षय रोगियों के इलाज के संबंध में पूरा सहयोग निशा से प्राप्त होता है l
सकीना, 32 वर्ष (काल्पनिक नाम) बताती है उनको गर्भधारण में समस्या आ रही थी। आगरा में जाकर इलाज कराने पर पता चला गर्भाशय की टीबी है इसका पता चलने पर मैं बुरी तरह से परेशान हो गई।
सकीना ने बताया कि उनके क्षेत्र की आशा निशा से जब अपनी इस परेशानी को साझा किया तो उन्होंने कहा बिल्कुल भी नहीं घबराओ। सही इलाज और सही खानपान से टीबी की बीमारी से निजात पाई जा सकती है। उन्होंने मेरी मदद की। इसके बाद उनके साथ जाकर टीबी अस्पताल में जांच करवाई जांच में टीबी की पुष्टि हुई। डॉक्टर की सलाह पर मैंने नौ महीने टीबी का इलाज करवाया। इस दौरान निशा व्यक्तिगत तौर पर मेरे संपर्क में रही और उन्होंने मुझे दवा के साथ अच्छे खानपान की भी सलाह दी। सकीना बताती है वर्ष 2019 में टीबी का इलाज पूरा हुआ और कुछ दिनों बाद मुझे गर्भधारण हुआ और मैंने बच्चे को जन्म दिया। मैं कह सकती हूं आशा निशा की सलाह से मुझे सही इलाज मिला जिससे आज मैं खुशहाल जिंदगी जी रही हूं।
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