श्रावस्ती,सिरसिया, मल्हीपुर और भिनगा सीएचसी को मिला कायाकल्प अवार्ड

– एक-एक लाख रुपए का मिला पुरस्कार, सीएमओ ने दी बधाई 

श्रावस्ती  बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने, उचित रख-रखाव और स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यशैली को लेकर स्वास्थ्य केंद्रों को मिलने वाले कायाकल्प अवार्ड की घोषणा हाे चुकी है। प्रदेश के 327 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया है। जिसमें से तीन सीएचसी जिले की भी हैं। खास बात यह है कि मल्हीपुर सीएचसी ने तीसरी बार और सिरसिया सीएचसी ने दूसरी बार यह अवार्ड जीता है। जबकि भिनगा सीएचसी ने पहली बार यह सम्मान हासिल किया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसपी तिवारी ने बताया कि प्रदेश में कई सालों से क्वालिटी एश्योरेंस के अंतर्गत सीएचसी को कायाकल्प पुरस्कार दिया जा रहा है। इस श्रेणी में पुरस्कार पाने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों को सात बिंदुओं रोगी संतुष्टि में वृद्धि करना, चिकित्सालय कर्मियों के कार्यशैली एवं दक्षता में सुधार करना, सफाई, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन, हाइजिन प्रमोशन, सेनिटाइजेशन, संक्रमण प्रबंधन आदि पर जांच टीम के द्वारा अंक दिए जाते हैं। इन्हीं अंकों के आधार पर इन स्वास्थ्य केंद्रों की रैकिंग तैयार होती है।



*इस तरह हुई अवार्ड की शुरूआत —*
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रभारी जिला कार्यक्रम के प्रभारी प्रबंधक राकेश गुप्ता ने बताया कि कायाकल्प पुरस्कारों की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 मई 2015 को की थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इस साल जो सूची जारी की है। उसमें जिले के दो सीएचसी शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक ने संबंधित जिलों को पत्र भेजकर पुरस्कार की सूचना दी है। पत्र में प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार पुरस्कार राशि का 75 फीसदी हिस्सा चिकित्सा इकाई के गैप क्लोजर, सुदृढ़ीकरण, रख-रखाव व स्वच्छता व्यवस्था आदि पर खर्च किया जाना है, जबकि 25 फीसदी हिस्सा संबंधित इकाई के अधिकारियों व कर्मचारियों के उत्साहवर्धन के लिए खर्च किया जाना है। 
इनसेट —
*इन्हें मिला पुरस्कार —*
जिला परामर्शदाता क्वालिटी एश्योरेंस डॉ. राम समुझ चौधरी ने बताया कि सीएचसी सिरसिया, मल्लीपुर और भिनगा को इस साल कायाकल्प अवार्ड मिला है। उन्होंने बताया कि सीएचसी सिरसिया को 77.14 प्रतिशत और सीएचसी मल्हीपुर व सीएचसी भिनगा 72.14 प्रतिशत अंक मिले हैं। इन तीनों सीएचसी को एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार भी मिला है।

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