कमलापुर,कसमंडा सीएचसी ने लगातार छठीं बार जीता कायाकल्प अवार्ड- सिधौली को भी तीसरी बार मिला सम्मान, सीएमओ ने दी बधाई 

सीतापुर। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने, उचित रख-रखाव और स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यशैली को लेकर स्वास्थ्य केंद्रों को मिलने वाले कायाकल्प अवार्ड की घोषणा हाे चुकी है। प्रदेश के 327 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया है। जिसमें से दो सीएचसी सीतापुर जिले की भी हैं। खास बात यह है कि कसमंडा सीएचसी ने लगातार छठीं बार यह अवार्ड जीतकर एक अनूठा इतिहास रचा है। इसके अलावा सिधौली सीएचसी को भी तीसरी बार यह अवार्ड हासिल हुआ है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मधु गैरोला ने बताया कि क्वालिटी एश्योरेंस के तहत यह पुरस्कार मिले हैं। प्रदेश में कई सालों से क्वालिटी एश्योरेंस के अंतर्गत सीएचसी को कायाकल्प पुरस्कार दिया जा रहा है। इन पुरस्कारों के लिए चिकित्सा अधिकारी और सभी स्वास्थ्य कर्मी बधाई के पात्र हैं। अन्य लोगों को भी इनसे प्रेरणा लेकर भविष्य में इस तरह के पुरस्कार प्राप्त करने के लिए प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने बताया कि इस श्रेणी में पुरस्कार पाने के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों को सात बिंदुओं रोगी संतुष्टि में वृद्धि करना, चिकित्सालय कर्मियों के कार्यशैली एवं दक्षता में सुधार करना, सफाई, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन, हाइजिन प्रमोशन, सेनिटाइजेशन, संक्रमण प्रबंधन आदि पर जांच टीम के द्वारा अंक दिए जाते हैं। इन्हीं अंकों के आधार पर इन स्वास्थ्य केंद्रों की रैकिंग तैयार होती है। उन्होंने बताया कि सीएचसी सिधौली को 79.71 प्रतिशत और सीएचसी कसमंडा को 71.43 प्रतिशत अंक मिले हैं। इन दोनों सीएचसी को एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार भी मिला है।
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*इस तरह हुई अवार्ड की शुरूआत —*
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुजीत वर्मा ने बताया कि कायाकल्प पुरस्कारों की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 मई 2015 को की थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इस साल जो सूची जारी की है। उसमें जिले के दो सीएचसी शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक ने संबंधित जिलों को पत्र भेजकर पुरस्कार की सूचना दी है। पत्र में प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार पुरस्कार राशि का 75 फीसदी हिस्सा चिकित्सा इकाई के गैप क्लोजर, सुदृढ़ीकरण, रख-रखाव व स्वच्छता व्यवस्था आदि पर खर्च किया जाना है, जबकि 25 फीसदी हिस्सा संबंधित इकाई के अधिकारियों व कर्मचारियों के उत्साहवर्धन के लिए खर्च किया जाना है। 
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*क्या कहते हैं अधीक्षक —*
कसमंडा सीएचसी अधीक्षक डॉ. अरविंद बाजपेयी और सिधौली सीएचसी अधीक्षक डॉ. आरके वर्मा का कहना है कि वरिष्ठ चिकित्साधिकारियों के मार्ग दर्शन और सीएचसी टीम की बेहतर कार्यशैली और आपसी सामंजस्य के चलते यह आवार्ड हासिल हुआ है। इसके लिए सभी लोग बधाई के पात्र हैं।

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