बीकेटी लखनऊस्कूलों का समय भले ही बदल गया, लेकिन शिक्षकों का लेटलतीफ रवैया नहीं बदला। अधिकांश स्कूलों में बच्चे तो समय से पहले पहुंच गए। लेकिन, शिक्षक अपने समय से पहुंचे। सुबह कई स्कूलों का ताला देरी से खुला
इटौंजा क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी बीकेटी के उपेक्षा के चलते प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय निर्धारित समय से नही खुलते हैं और ना ही नियत समय से बंद होते हैं शिक्षक शिक्षिकाओं के विद्यालय में लेट लतीफ आना उनकी दिनचर्या बन गई है इससे बुनियादी शिक्षा का ढांचा चरमरा गया है
जब सहारा टीम प्राथमिक विद्यालय ढिलवासी पहुंची तो वहां की शिक्षिका ने 2:35 विद्यालय बंद कर दिया इसी क्रम में प्राथमिक विद्यालय अटेसुआ मे शिक्षिकाओं ने 2:42 पर विद्यालय बंद कर दिया जबकि विद्यालय का खुलने का समय 9:00 और बंद करने का समय 3:00 बजे है यह विद्यालय एक बानगी मात्र है पर इन विद्यालयों के शिक्षिकाओं का आलम यह है निर्धारित समय से लेट लतीफ विद्यालय आना और समय से पूर्व कोई बहाना बनाकर निर्धारित समय से पहले बंद करके चलते बनते हैं जबकि शिक्षा विभाग इनके वेतन निस्तारण में करोड़ों रुपए व्यय करती है
प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षिकाओं और शिक्षकों का आलम यह है इनके द्वारा शिक्षा कार्य में लापरवाही बरतने के वजह से कक्षा 1 के छात्र एवं छात्राएं साल भर में ककहरा का ज्ञान नहीं कर पाते हैं
इस संबंध में जब खंड शिक्षा अधिकारी बीकेटी प्रीति शुक्ला से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया यह प्रकरण संज्ञान में आने पर शिक्षिकाओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी
नागरिकों का आरोप है कि प्राथमिक शिक्षा में चाहे कितने आमूलचूल परिवर्तन किए जाएं पर बुनियादी तालीम का कायाकल्प नहीं हो सकता कितनी सरकारें आई और चलती बनी बुनियादी तालीम का ढांचा जस का तस रहा