झरेखापुर! प्रदेश सरकार दावा करती रहती है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लग चुका है,परंतु धरातल पर भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है!प्रकरण विद्युत उपकेंद्र झरेखापुर का है!किसान मंच द्वारा कई बार इस मुद्दे को उठाया गया परंतु जिम्मेदार अधिकारी आंदोलन के बाद लिखित आश्वासन देकर भी किए गए वादों से मुकर जाते हैं!सीतापुर लखीमपुर मार्ग पर लगभग बारह कि० मी०की दूरी पर स्थित उपकेन्द्र झरेखखापुर बिसवां विद्युत केन्द्र से संचालित होता है! किसी भी समस्या के लिए क्षेत्रीय लोगों को बिसवां दौड़ लगानी पड़ती है!विगत दिनों इन्हीं मुद्दों को लेकर अधिशासी अभियंता के निवास का घेराव संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किया गया था!
वहां जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया था कि एक माह में झरेखापुर उपकेंद्र सीतापुर विद्युत केन्द्र से जोड़ दिया जाएगा!और क्षेत्र की जर्जर ग्यारह हजार वोल्टेज लाइन में तीस मीटर की दूरी पर खंभों के साथ विद्युत तार बदलें जाएंगे!आए दिन जर्जर लाइन के क्षतिग्रस्त होने से किसानों की फसल नुकसान सहित इंसान और जानवरों की अकाल मौतें होती रहती है!एक वर्ष से अधिक हो चुका है परंतु ज़िम्मेदारों द्वारा अभी तक अपने लिखित आश्वासन पर अमल नहीं किया गया!इस समय तैनात जे ई द्वारा क्षेत्रीय लोगों को नोटिसें भेजकर अवैध वसूली की जा रही है!कहीं भी लाइन में खराबी होने पर बगैर सुविधा शुल्क कोई काम नहीं होता!समूचे क्षेत्र में इस मुद्दे पर विद्युत उपभोक्ताओं में आक्रोश व्याप्त है!जानकारी होने पर सत्ता पक्ष पदाधिकारियों द्वारा लिखित शिकायत ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा से की गई परंतु मा०मंत्री द्वारा इस प्रकरण पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया!उपरोक्त मुद्दों पर किसान मंच झरेखापुर विद्युत केन्द्र पर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं,शीघ्र ही उपकेंद्र का घेराव कर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन तब तक किया जाएगा जब तक ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही नहीं होती!विगत में दो बार लिखित समझौतों पर अमल न किए जाने के कारण इस बार आश्वासन पर विश्वास न करके अमल न होने तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी!