अटरिया, झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से मौत के प्रकरण ने पकड़ा तूल न्याय ना मिलने से पीड़ित हतास

कार्रवाई ना होने से प्रसाशन की न्याय व्यवस्था पर उठे सवालिया निशान

मृतिका की गलत इंजेक्शन लगाने से हुई थी मौत नही मिला न्याय

अटरिया सीतापुर, मृत महिला के पति द्वारा लिखित तहरीर के साथ-साथ चीख चीख कर उसके साथ हो गए अन्याय को लेकर प्रशासन से न्याय की अपेक्षा व्यर्थ नजर आ रही है कई दिन बीत जाने के बाद भी पीड़ितों को न्याय ना मिलने पर मृत महिला के पति ने मुख्यमंत्री की न्याय प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाए हैं वहीं दूसरी तरफ मृतिका की जेठानी गीता पति रामकुमार के अनुसार, अटरिया थाना क्षेत्र के नीलगाव मार्ग स्थित संतोष कुमार यादव द्वारा क्लिनिक में कथित तौर पर गलत इंजेक्शन लगाने के बाद महिला की मौत हो गई थी मृत महिला की गोद मे महज पंद्रह दिनों का नवजात शिशु भी था

अटरिया , फिर एक झोलाछाप डॉक्टर ने ली महिला की जान शिकायत पर भी नहीं हुई कार्रवाई

अटरिया सीतापुर:- मृतिका के परिजनों ने लगाया अटरिया के एक झोलाछाप डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने से हुई महिला की मौत का आरोप बता दें प्रदेश के जनपद सीतापुर सिधौली कोतवाली क्षेत्र के अटरिया थाना क्षेत्र के नीलगांव मार्ग पर स्थित झोलाछाप डॉक्टर संतोष कुमार यादव पर गलत उपचार करने से महिला की मौत का आरोप लगाया गया था किन्तु उस फर्जी वाङा डॉ पर अभी तक उच्च अधिकारियो व पुलिस महकमे ने कोई कार्रवाई नहीं की जानकारी के अनुसार

मृतिका के पति देशराज द्वारा नीलगांव मार्ग स्थित झोलाछाप डॉक्टर संतोष यादव पर गलत इंजेक्शन देने से मौत होने का आरोप लगाते हुए स्थानीय थाने में प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि उसकी पत्नी जिसका नाम अनुसुइया पत्नी देशराज उम्र करीब 22 साल थी जिसको कस्बे के एक डॉक्टर के द्वारा गलत दवाइयां देने से रिएक्शन कि वजह से मौत हो जाने की बात कही है पीड़ित ने सूचना देते हुए बताया की उसकी शादी के लगभग पांच साल हो चुके थे महिला का मायका जैपालपुर मजरा जगदीशपुर का है महिला ने मृत्यु के पंद्रह दिन पहले बच्चे को जन्म दिया था जो कि अभी स्वस्थ है मृतिका के एक लङकी भी है जिसका नाम साक्षी बताया जा रहा है मृतिका के पति दैनिक मजदूरी करता है बीते 15 दिन पहले पत्नी अनुसुइया ने लखनऊ के बख्शी का तालाब क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे को जन्म दिया था जिसके बाद मां और बेटे को पीड़ित स्वस्थ अवस्था में घर लेकर आया था तभी दो दिन बाद पत्नी को रात्रि लगभग 9:00 बजे बुखार की समस्या महसूस हुई जिस का उपचार कराने हेतु पास ही में मौजूद क्षेत्र के एक मशहूर झोलाछाप डॉक्टर संतोष कुमार यादव सूत्रों के अनुसार इनके पास डाक्टरी की कोई डिग्री नहीं है ये बारहवीं पास डाक्टर है के पास उपचार के लिए पहुंच गए जिस पर अस्त-व्यस्त हालत में खुद को डॉक्टर कहलाने वाले संतोष यादव द्वारा महिला को इंजेक्शन लगाकर कुछ दवाइयां देते हुए जल्द ही आराम होने की बात कही किंतु इंजेक्शन लगने के बाद महिला का स्वास्थ्य और ज्यादा गंभीर हो गया परिणाम स्वरूप रात भर महिला दर्द से कलहती रही अगली सुबह महिला व उसका पति फिर से डॉक्टर के यहां जा पहुंचा और उनके द्वारा दिए गए इंजेक्शन से हालत गंभीर होने की बात बताते हुए इंजेक्शन लगाए गए जगह पर काफी ज्यादा सूजन होने की बात बताई जिस पर उपचार कर रहे झोलाछाप डॉक्टर संतोष यादव ने महिला व उसके पति से इंजेक्शन लगाने की जगह पर गर्म कपड़े से सिकाई करने की बात कहकर मामले को टाल मटोल कर दिया शाम होते-होते महिला की हालत और भी ज्यादा गंभीर होने लगी जिस पर इलाज कर रहे झोलाछाप डॉक्टर से संपर्क किया किंतु उन्होंने किसी बड़े हॉस्पिटल में दिखाने की सलाह दी तत्पश्चात पीड़ित व उसके परिजन महिला को उर्मिला हॉस्पिटल लेकर पहुंचे जहां पर डॉक्टरों ने महिला की प्राथमिक जांच करते हुए बताया कि महिला को दिए गए इंजेक्शन का रिएक्शन जरूरत से ज्यादा फैल चुका है हालत गंभीर है लिहाजा भर्ती नहीं लिया जाएगा परिजनों के द्वारा मिन्नत व हाथ पैर जोड़ने पर हॉस्पिटल प्रशासन की किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी ना लेने की शर्त पर महिला को एडमिट किया गया 24 घंटे उपचार के पश्चात भी महिला की हालत में कोई सुधार ना होकर और भी ज्यादा गंभीर होती गई जिस पर हॉस्पिटल प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज में इलाज करने की बात कही आनन-फानन में परिजनों ने एक के बाद एक कई हॉस्पिटल के दरवाजे खटखटाए यहां तक की विवेकानंद जैसे प्रसिद्ध हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने भी महिला के पैर में दिए गए इंजेक्शन का रिएक्शन बताते हुए बिल्टी नेट पर रखने की सलाह दी कुछ घंटों बाद महिला की हालत बहुत ही ज्यादा गंभीर हो गई जिस पर हॉस्पिटल प्रशासन ने महिला को बचाने में अस्वस्थता जाहिर करते हुए घर ले जाने की सलाह दी किंतु पीड़ित ने उम्मीद का दामन ना छोड़ते हुए लखनऊ के एक प्राइवेट अस्पताल का दरवाजा खटखटाया वहां पर भी चिकित्सकों द्वारा महिला को रिएक्शन का प्रभाव ही बताया गया किंतु एक उम्मीद के सहारे हॉस्पिटल प्रशासन ने उपचार करने का प्रयास किया 24 घंटे के पश्चात शाम लगभग 7:00 बजे महिला ने उसी प्राइवेट अस्पताल में दम तोड़ दिया उक्त घटना के बाद पीड़ित परिवार ने महिला का दाह संस्कार करते हुए दैनिक क्रिया संपन्न की जिसके पश्चात उनके साथ हुए गलत उपचार की सूचना स्थानीय प्रशासन को शिकायत करते हुए झोलाछाप डॉक्टर के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है अब देखना यह है कि क्या पुलिस व स्वास्थ्य विभाग ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कोई ठोस कदम उठाते हैं या ऐसे ही कुछ और महिलाओं की जान जाती रहेगी। उसके बाद पीड़ित ने थाने पर लिखित प्रार्थना पत्र दिया और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिधौली पर भी प्रार्थना पत्र दिया किन्तु पीङित को किसी भी प्रकार कि संतुष्टी नहीं मिली।

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