पुल से चार पहिया वाहनों को संचालित कराने हेतु की है भूख हड़ताल
धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल पर बैठे लोग भारी बारिश में भी डटे
बरसात की वजह से पैंटून पुल हटाए जाने के कारण क्षेत्रीय ग्रामीणों को हो रही आवागमन में कठिनाइयां
दिनेश मिश्रा
कलान/मिर्जापुर-शाहजहांपुर
कोलाघाट पुल पर चार पहिया वाहन संचालित कराने को लेकर कई संगठनों ने कोलाघाट पुल के पश्चिमी छोर पर बुधवार को धरना प्रदर्शन व आमरण अनशन शुरू किया था।जिसमें जनप्रतिनिधियों,भारतीय किसान यूनियन,अखिल भारतीय जन विकास मंच,कांग्रेस एवं क्षेत्रीय ग्रामीणों का समर्थन मिल रहा है। बुधवार को धरना प्रदर्शन के बाद सफलता अर्जित ना होने पर करीब 15 प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।भूख हड़ताल करने वालों में सोत नदी लक्ष्मनपुर पुल के प्रमुख संघर्ष कर्ता कलान के जिला पंचायत सदस्य रामकुमार राठौर,पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामवीर सिंह सोमवंशी,सूरजपाल सिंह एडवोकेट,जलालाबाद के जिला पंचायत सदस्य रामदास राठौर, दीपक नंदवंशी सभासद गंगानगर कलान,भारतीय किसान यूनियन के उपाध्यक्ष उदयवीर सिंह, सोनपाल,जिला पंचायत सदस्य ओमपाल कुशवाहा,कांग्रेस के प्रदेश सचिव मोहित शर्मा, अक्षय परमार,चंद्रपाल कुशवाहा, किसान यूनियन के किशन पाल गौतम,रमेश कुशवाहा,कलान के जिला पंचायत सदस्य धर्मेंद्र यादव,मिर्जापुर के जिला पंचायत सदस्य रवीशपाल कुशवाहा शामिल हैं।अन्य प्रदर्शनकारियों में मिर्जापुर के कमलेश यादव, अखिल भारतीय जन विकास मंच के चौधरी विनोद यादव,गोपाल सिंह परमार,सत्य प्रकाश सक्सेना,मनोज कुशवाहा समेत कई ग्रामीण शामिल हैं।धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर बैठे लोग भारी बारिश में भी लगातार डटे हुए हैं।
वहीं भूख हड़ताल पर बैठे जिला पंचायत सदस्य रामकुमार राठौर ने धरना प्रदर्शन स्थल पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई का लगभग ₹50 करोड़ पुल पर निर्माण और मरम्मत में खर्च किया जा चुका है। लेकिन इसके बावजूद भी क्षेत्रीय जनता आवागमन की सहूलियत से कोसों दूर है।उन्होंने कहा चार पहिया वाहनों का संचालन होने से जनता को आवागमन में सुगमता रहेगी। श्री राठौर ने बताया ₹43 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण कराया गया था।पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद साढ़े 6 करोड़ रुपए की लागत से पुल की मरम्मत कराई गई।उन्होंने कहा मांग और चेतावनी,धरना प्रदर्शन बाद भी शासन प्रशासन ने हमारी मांग पर नहीं मानी।जिस कारण हम लोग भूख हड़ताल पर बैठे हैं। जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।
ज्ञात हो कि बसपा और सपा के कार्यकाल में 43 करोड रुपए की लागत से रामगंगा और बहगुल नदियों पर बना कोलाघाट का लगभग 1800 मीटर लंबा पुल 29 नवंबर 2021 की मध्यरात्रि के बाद एक पिलर जमीन में धंसने के कारण पुल का एक हिस्सा धराशाई हो गया था। हालांकि गनीमत रही की मध्यरात्रि के बाद का समय होने के कारण कोई जनहानि नहीं हुई।
जिसके बाद लगभग 6 करोड़ पचास लाख रुपए की लागत से पुल की मरम्मत कराई गई थी।
लेकिन मरम्मत होने के उपरांत केंद्रीय पुल अनुसंधान एवं जांच विभाग की रिपोर्ट के बाद कोलाघाट पुल भारी वाहनों के आवागमन हेतु उपयुक्त नहीं पाया गया। जिस कारण चार पहिया और भारी वाहनों के लिए यातायात बंद कर दिया गया था। दोपहिया वाहनों को सिर्फ आने जाने की छूट दी गई। इसके बाद दोनों नदियों पर अस्थाई पैंटून पुल बनाया गया।लेकिन बरसात के कारण 25 जून को पैंटून पुल हटा दिया गया।जिस कारण कलान, मिर्जापुर क्षेत्र के लगभग पांच लाख से अधिक लोगों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया।ऐसे में अब लोगों को वाया फर्रुखाबाद जनपद होकर जलालाबाद, शाहजहांपुर जाना पड़ता है।