गुणवत्ता
• सरकारी अस्पतालों में टीका की गुणवत्ता बनाए रखने पर रहता है विशेष जोर
• 12 बीमारियों से बचाव के लिए पांच वर्ष में सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक
गोरखपुर, 20 दिसंबर 2022
सरकारी अस्पतालों में टीका की गुणवत्ता पर विशेष जोर रहता है। तय मानक के अनुरूप टीका का तापमान यानी कोल्ड चेन बनाए रखने में कोल्ड चेन हैंडलर्स की भूमिका सबसे अहम होती है। इसी क्रम में जिले के 84 कोल्ड चेन हैंडलर्स को अलग-अलग बैच में प्रशिक्षित किया गया है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी।
उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में बने कोल्ड चेन प्वाइंट्स पर आईएलआर मशीन में दो से आठ डिग्री तापमान पर टीका रखा जाता है। बच्चों को कुल 12 प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए जन्म से पांच वर्ष की उम्र तक उनका सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है। सीएमओ ने बताया कि गर्भवती, किशोर-किशोरियों और बच्चों का नियमित टीकाकरण सरकारी अस्पताल से पाना उनका हक है। टीकाकरण की सेवा प्राप्त करने के लिए आशा और एएनएम की मदद ली जानी चाहिए। कुछ टीका लगने के बाद बुखार भी आता है लेकिन यह सामान्य लक्षण है। कोविड जैसी महामारी पर नियंत्रण करने में भी कोविड टीका की अहम भूमिका रही है। इसी प्रकार नियमित टीकाकरण की जीवन रक्षा में अहम भूमिका है।
डॉ दूबे ने बताया कि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा की देखरेख में 42 कोल्ड चेन प्वाइंट के 84 हैंडलर्स का अभिमुखीकरण किया गया है । यूएनडीपी संस्था से जुड़े जिला वैक्सीन कोल्ड चेन मैनेजर पवन कुमार सिंह ने प्रशिक्षुओं को उपयोगी जानकारी प्रदान की है । उन्हें बताया गया है कि टीके का कोल्ड चेन कभी टूटने न पाए। अगर कोई तकनीकी बाधा आती है तो कोल्ड चेन बाक्स या आवश्यकता पड़ने पर टीकों का ट्रांसफर कर उनकी गुणवत्ता बनाए रखना है । प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा यूनिसेफ, चाई, जेएसआई और सीफार के प्रतिनिधिगण भी मौजूद रहे । कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हुआ ।
आसान हुआ है काम
प्रशिक्षु और बसंतपुर यूपीएचसी के कोल्ड चेन हैंडलर ओंकारनाथ मौर्य बताते हैं कि आईएलआर मशीन और ईविन एप के कारण टीकों की गुणवत्ता बनाए रखना संभव हो सका है । टीकों के तापमान पर भी नजर रहती है और कोई दिक्कत होने पर तापमान को मेंटेन किया जाता है । सिविल लाइन के कोल्ड चेन हैंडलर आयुष सोनी ने बताया कि टीकाकरण के दौरान ओपेन वायल को पहले इस्तेमाल किया जाता है। अगर 28 दिन तक ओपेन वायल का इस्तेमाल नहीं हुआ तो उसे एक्सपायर मान लिया जाता है ।