गोरखपुर, नियोजित गर्भावस्था, प्रसव पूर्व और प्रसव पश्चात देखभाल में छिपा है मातृ शिशु स्वास्थ्य का राज

गर्भधारण करने की योजना बनाने के दो माह पूर्व से शुरू कर देना चाहिए फोलिक एसिड का सेवन

गर्भ ठहरने के प्रथम त्रैमास से ही अच्छे खानपान के साथ फोलिक एसिड का सेवन भी अनिवार्य

दूसरे त्रैमास के बाद गर्भवती द्वारा और धात्री द्वारा आयरन फोलिक और कैल्शियम का सेवन अनिवार्य

गोरखपुर, 28 जुलाई 2023

मातृ शिशु स्वास्थ्य में नियोजित गर्भावस्था, प्रसव पूर्व और प्रसव पश्चात स्वास्थ्य व पोषण की दृष्टि से देखभाल की अहम भूमिका है। गर्भधारण करने की योजना बनाने के दो माह पूर्व से ही फोलिक एसिड की गोलियों का सेवन करना चाहिए । जब गर्भ ठहर जाए तो प्रथम त्रैमास में भी पोषणयुक्त खानपान के साथ इन गोलियों का सेवन जारी रखना है । दूसरे त्रैमास से आयरन फोलिक की गोलियां और कैल्शियम की गोलियां लेनी होती हैं । पूरे गर्भावस्था के दौरान एक बार अल्बेंडाजोल की गोली का सेवन भी करना अनिवार्य है। प्रसव पश्चात भी धात्री को आयरन फोलिक और कैल्शियम की गोली का सेवन करना है। स्वास्थ्य विभाग यह संदेश प्रत्येक नव दंपति, गर्भवती, धात्री और समुदाय तक विभिन्न सामुदायिक मंचों के जरिये पहुंचा रहा है ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि फोलिक एसिड, आयरन फोलिक एसिड, कैल्शियम और अल्बेंडाजोल गोलियों की उपलब्धता प्रत्येक एएनएम, स्वास्थ्य उपकेंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर है । आवश्कता इस बात की है कि नव दंपति बच्चों की योजना बनाने के साथ ही आशा कार्यकर्ता को अपने सहयोगी के तौर पर स्वीकार करें । अगर गर्भधारण करने के प्रयास के दो माह पहले से फोलिक एसिड की गोलियों का सेवन किया जाए तो बच्चे में जन्मजात विकार की आशंका कम हो जाती है । गर्भावस्था का पता लगाने के लिए भी सही इकाइयों पर प्रेग्नेंसी किट मौजूद है । गर्भावस्था पता चलने के बाद ही से पंजीकरण और प्रसव पूर्व जांच की शुरूआत हो जानी चाहिए। साथ ही प्रतिदिन एक फोलिक एसिड की गोली का सेवन प्रथम तीन महीने तक करना है ।

शाहपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा अधिकारी डॉ नीतू मौर्या बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान खून की जांच, पेशाब की जांच और वजन की जांच अवश्य कराई जानी चाहिए । चौथे माह से आयरन फोलिक एसिड की गोलियों का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए । अगर खून की जांच में हीमोग्लोबिन 11 या उससे अधिक है तो प्रतिदिन आयरन की एक गोली लेनी है और अगर यह 11 अथवा इससे कम है तो आयरन की दो गोलियां रोजाना लेनी हैं। ऐसा करने से शरीर में खून की कमी नहीं होती है। साथ ही प्रतिदिन कैल्शियम की दो गोलियों का सेवन भी अनिवार्य है । इससे शरीर को मजबूती मिलती है। आयरन और कैल्शियम की गोली एक साथ नहीं लेनी है। कैल्शियम की एक गोली सुबह और एक दोपहर के खाने के बाद लें। आयरन की गोली रात में भोजन के साथ लेनी चाहिए । इसका सेवन चाय, दूध, कॉफी के साथ न करें। इसे खट्टे भोज्य पदार्थों का साथ लें। गर्भावस्था के दूसरे तिमाही अथवा तीसरे तिमाही के दौरान एक बार एल्बेंडाजोल की गोली का सेवन अनिवार्य है ताकि मां कुपोषित न हो और बच्चा भी सुपोषित पैदा हो ।

संध्या की मददगार बनीं आशा
शहर के बसंतपुर इलाके के हनुमानगढ़ी की रहने वाली संध्या (24) की शादी साढ़े तीन वर्ष पूर्व हुई। शादी के कुछ दिनों बाद ही आशा कार्यकर्ता जीता देवी ने उनसे सम्पर्क किया । संध्या बताती हैं कि आशा ने उन्हें समझाया था कि पहला बच्चा शादी से कम से कम दो साल बाद ही प्लान करना है और परिवार नियोजन के साधन भी दिये। गर्भावस्था की संभावना दिखने पर आशा जीता देवी की मदद से प्रेग्नेंसी किट लिया और जांच किया । गर्भधारण का पता चलने पर संध्या बसंतपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र गईं। वह बताती हैं कि वहां पर खून और पेशाब की जांचें हुईं और टीका भी लगाया गया । आंगनबाड़ी केंद्र से चना, दाल, दलिया जैसे पोषक आहार मिले। दिन भर में पर्याप्त भोजने के साथ खाने के लिए दवाएं भी दी गईं। घर का बना शुद्ध पौष्टिक भोजन खाने के साथ साथ आयरन फोलिक की दवा रात में लेनी थी और कैल्शियम की दवा दवा दिन में खानी थी । वह आशा कार्यकर्ता के साथ चार बार अस्पताल पर जाकर जांच करवाने गईं । जितनी बार जांच कराने गईं, वजन भी लिया गया । चिकित्सक की सलाह पर एक बार जिला महिला अस्पताल में उनका अल्ट्रासाउंड भी कराया गया जिसमें गर्भस्थ स्वस्थ मिला है । उनका नौवा महीना चल रहा है।उन्हें बताया गया है कि बच्चा हो जाने के बाद भी आयरन फोलिक और कैल्शियम की दवाएं खानी हैं । उन्हें छह माह तक (180 दिन) इन गोलियों का सेवन करना है।

चलाया गया अभियान
जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता डॉ सूर्य प्रकाश ने बताया कि गर्भवती और धात्री के स्वास्थ्य व पोषण स्तर में सुधार के लिए सात जून से छह जुलाई तक एक कदम सुपोषण की ओर अभियान भी चलाया गया था । अभियान के दौरान दी गयीं सेवाएं सतत प्रदान की जा रही हैं। एक माह के अभियान में 41735 गर्भवती ने पंजीकरण करवाया । 79352 फोलिक एसिड की गोलियां दी गयीं । 57.25 लाख आयरन फोलिक की गोलियां बंटी । 96.24 लाख कैल्शियम की गोलियां वितरित की गयीं । 24554 एल्बेंडाजोल की गोलियां बांटी गयीं । 59 अति गंभीर खून की कमी से जूझ रही गर्भवती को आयरन सुक्रोज चढ़ाया गया ।

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