हरदोई।मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह को चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहकर्मी और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में 7 अगस्त तक सरकारी रेलवे पुलिस की हिरासत में भेज दिया।
पुलिस ने उसकी हिरासत की मांग करते हुए अदालत से कहा कि आरोपी कांस्टेबल की मानसिक स्थिति की अभी जांच नहीं की गई है और वह उनके साथ सहयोग नहीं कर रहा है।
जीआरपी ने मामले को गंभीर बताते हुए सिंह की 14 दिन की हिरासत मांगी।
जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपी की मेडिकल जांच होनी बाकी है.
पुलिस ने अदालत को बताया कि घटना चलती ट्रेन में हुई और घटनाओं के अनुक्रम की अभी जांच की जानी है और अधिक सबूत एकत्र किए जाने हैं।
आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और गुमराह करने वाला जवाब दे रहा है। पुलिस ने अदालत में कहा, आरोपी के कृत्य के पीछे का कारण जानने के लिए गहन जांच की आवश्यकता है।
पुलिस ने कहा कि सिंह ने ट्रेन में एस्कॉर्ट ड्यूटी के दौरान अपने वरिष्ठ सहयोगी की गोली मारकर हत्या कर दी और यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या घटना के दिन काम के घंटों के दौरान दोनों के बीच कोई विवाद हुआ था।
पुलिस ने कहा कि अभी इसकी जांच होनी बाकी है कि क्या सिंह ने किसी के कहने पर उक्त अपराध किया था।
दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को सात अगस्त तक जीआरपी की हिरासत में भेज दिया।
यह घटना सोमवार सुबह महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास चलती जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में हुई।
बाद में सुबह लगभग 6 बजे मीरा रोड स्टेशन (मुंबई उपनगरीय नेटवर्क पर) के पास रुकी ट्रेन की चेन यात्रियों द्वारा खींचने के बाद भागने की कोशिश करते समय सिंह को उसके हथियार के साथ पकड़ लिया गया।
उसने अपने स्वचालित हथियार से बी5 कोच में आरपीएफ सहायक उप-निरीक्षक टीकाराम मीना और एक अन्य यात्री की गोली मारकर हत्या कर दी।
इसके बाद उसने सुबह 5 बजे के बाद पेंट्री कार में एक अन्य यात्री और पेंट्री कार के बगल में एस 6 कोच में एक और यात्री की गोली मारकर हत्या कर दी।
रेलवे पुलिस ने मृतक यात्रियों में से दो की पहचान पालघर के नालासोपारा निवासी अब्दुल कादरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला (58) और बिहार के मधुबनी निवासी असगर अब्बास शेख (48) के रूप में की है।
जीआरपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को तीसरे यात्री की पहचान 43 वर्षीय सैयद एस के रूप में की।
अधिकारियों के मुताबिक, रेलवे बोर्ड ने घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है।