समाचार पत्रों में बगैर प्रकाशन के ही कर दी बिक्री
दिनेश मिश्रा
कलान-शाहजहांपुर
नगर पंचायत कलान में इंडिया मार्का हैंड पंप रिवोर हुए थे। जिसमें नए पाइप डाले गये थे और पुराने सत्तर पाइप निकले थे। हैंडपंप के पुराने गिलास भी निकले थे। पुराने सभी पाइप और गिलास नगर पंचायत कलान परिसर में रखे हुए थे। जिसकी बिक्री 5 दिन पूर्व ₹30 प्रति किलो ग्राम के भाव कर दी गयी।
मजे की बात तो यह है कि सरकारी संपत्ति को बगैर समाचार पत्रों में प्रकाशन व बिना नीलामी कराये ही बेच दिया गया। इतना ही नहीं नगर पंचायत के किसी भी सभासद को इस बारे में कोई सूचना भी नहीं दी गई और न ही प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर कराये गये। नगर पंचायत कलान का आलम यह है कि यहां के अधिकारी और कर्मचारी मनमानी कर लापरवाही पर उतारू हैं।
जब यह मामला सोशल मीडिया पर सुर्खियों में आया मीडिया कर्मियों को मामले की भनक लगी तो नगर पंचायत कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। वहीं सभासदों एवं अन्य लोगों को 70 पाइप और गिलास बेचने की जानकारी हुयी तो कुछ सभासदों ने इसका नगर पंचायत ग्रुप में चैट कर आपत्ति जतायी। जिस पर मामले को दबाने के लिए आनन-फानन में नगर पंचायत कार्यालय के एक प्राइवेट कर्मचारी द्वारा ग्रुप पर सभासदों को संतुष्ट करने के लिए यह चैट कर दिया गया कि पाइपों और गिलासों की अभी बिक्री नहीं की गई है बल्कि उनका स्थान बदला गया है।
आपको बता दें कि नगर पंचायत की संपत्ति कलान नगर पंचायत में यदि जगह नहीं थी तो नवनिर्मित भवन में भी रखी जा सकती थी। लेकिन किसी अन्यत्र स्थान पर नहीं।
अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या नगर पंचायत कर्मचारी ऐसे ही मनमानी करते रहेंगे।
उधर जब इस संबंध में नगर पंचायत कलान के अधिशासी अधिकारी रामकृष्ण वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पाइप एवं गिलास नगर पंचायत कार्यालय में सड़ रहे थे। इसलिए उनका स्थान बदल दिया गया है। अभी बिक्री नहीं की गई है। दो- एक दिन में वोली लगवाई जाएगी।अब ऐसे में अधिशासी अधिकारी के जवाब से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि क्या लोहे के पाइप और गिलास भी सड़ जाते हैं क्या ?
जबकि पाइप एवं गिलास की खरीदारी करने वाला व्यक्ति यह बात स्वीकार कर रहा है कि उसने सभी पाइप एवं गिलास खरीद लिये हैं। अधिशासी अधिकारी रामकृष्ण वर्मा के द्वारा दी गई जानकारी एवं खरीददार कोई द्वारा दी गई जानकारी में भिन्नता है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि अधिशासी अधिकारी का बयान सही है या खरीददार का। कौन सही है और कौन गलत ?
उधर जब इस संबंध में नगर पंचायत कलान के चेयरमैन हरनारायण गुप्ता से उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।