इटावा,उफाइलेरिया की दवाएं पूरी तरह सुरक्षित, अवश्य खाएं

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए रुग्णता प्रबंधन पर दिया गया प्रशिक्षण

फाइलेरिया रोगियों को दी गई एमएमडीपी किट

इटावा 22 दिसंबर 2022।

राष्ट्रीय फाइलेरिया कार्यक्रम के तहत गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के आयुष्मान सभागार में जनपद के स्वास्थ्यकर्मियों व अधिकारियों को मॉरबिटी मैनेजमेंट डिसिबेलिटी प्रीवेंशन (एमएमडीपी) का भी प्रशिक्षण दिया गया। डेमो के जरिए रोग प्रबंधन के टिप्स दिए गए। इस मौके पर ब्लॉकों के चिकित्सा अधीक्षक, बीसीपीएम, बीपीएम, शहरी ,स्टाफ नर्स को फाइलेरिया उन्मूलन में बेहतर कार्य करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के हाथों प्रशस्ति पत्र भी दिए गए और उन्हें आगे बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित भी किया गया।

कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गीता राम ने किया व सभी स्वास्थ्य कर्मी को संबोधित करते हुए कहा कि आज इस विशेष कार्यशाला में रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता प्रबंधन (एमएमडीपी) के बारे में जो प्रशिक्षण आप लोगों ने लिया है उसे आप बेहतर तरीके से अपने-अपने क्षेत्रों आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दें,जिससे जनमानस में फाइलेरिया के इलाज के संदर्भ में बेहतर जानकारी दी जा सके जिससे लोग जागरूक होकर फाइलेरिया की दवा का सेवन भी स्वेच्छा से करें।

पाथ संस्था से रीजनल एनडीटी ऑफीसर डॉ शिवकांत ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को फाइलेरिया प्रभावित मरीजों को किस प्रकार प्रभावित अंग को धोना और सुखाने के तरीके के संदर्भ में विस्तार पूर्वक जानकारी दी और मौके पर मौजूद 4 रोगियों को एमएमडीपी किट वितरित की ।डॉ शिवकांत ने मरीजों को नियमित व्यायाम के विभिन्न चरणों के संदर्भ में भी विस्तार से बताया।
जिला मलेरिया अधिकारी लक्ष्मीकांत ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है।
उन्होंने बताया कि संक्रमण के लक्षण 5 से 15 साल में उभरकर सामने आते हैं। फाइलेरिया से बचाव के लिए जरूरी है कि साल में एक बार और लगातार 5 साल तक दवा का सेवन करें। सैफई मेडिकल कॉलेज के डॉ धीरज ने बताया कि फाइलेरिया की दवा 2 साल के कम उम्र के बच्चों और गर्भवती व गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को छोड़कर सभी को खिलाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया ग्रस्त मरीजों को अपने अंगों को साबुन से नियमित साफ सफाई करनी चाहिए। साथ ही नियमित व्यायाम करने से सूजन नहीं बढ़ती है।

कार्यशाला में उपस्थित फाइलेरिया ग्रस्त गुड़िया ने बताया कि वह पिछले 5 वर्षों से फाइलेरिया ग्रस्त हैं। जब से मैं फाइलेरिया की दवा का सेवन कर रही हूं मुझे आराम मिला है और मेरे पैर की सूजन भी कम हो रही है। मेरी स्थिति अब स्थिर है रोग अधिक नहीं बढ़ पा रहा धीरे-धीरे नियमित व्यायाम से मुझे चलने फिरने की दिक्कतों से भी निजात मिली है।
बैठक में डॉ सत्येंद्र यादव ,डॉ गौरव डॉ श्रीनिवास, डॉ विकास सचान उप जिला मलेरिया अधिकारी नीरज दुबे, आशीष राणा,डीसीपीएम प्रभात बाजपेई, व जिला मलेरिया कार्यालय कि लोग उपस्थित रहे।

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