ग्रामीण लोग प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के कमरों में कर रहे शौच
रिपोर्ट,आशीष पाल
अटरिया सीतापुर
सूबे की सरकार जहां ग्रामीण इलाकों मे स्वास्थ्य संबंधी सुविधा पहुंचाने का दावा भी कर रही है। जिसके तहत पंचायत स्तर पर उपस्वास्थ्य केंद्र भी खोले गए हैं। जिससे हमीरपुर गांव मे रहने वाले ग्रामीण परिवार को इलाज के लिए कहीं बाहर न जाना पड़े, लेकिन तराई छेत्र के हमीरपुर गांव में बना स्वास्थ्य उपकेन्द्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सालो से बंद व बदहाल स्थिति पड़ा हुआ है। जिसकी सुधि आज तक न तो प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी ने ली है और न ही जिले के वरीय चिकित्सा पदाधिकारी सहित किसी अन्य पदाधिकारियों ने ही ली है। बंद पड़ा स्वास्थ्य उपकेन्द्र वर्तमान समय में शराबियों एवं अपराधियों का अड्डा बनकर रह गया है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के दरवाजों को दीमक चट कर गई है, सरकारी हैंडपंप भी जंग खा गई, मामला जनपद सीतापुर के विकासखंड सिधौली के अंतर्गत थाना क्षेत्र अटरिया के ग्राम पंचायत हमीरपुर का है जो कि यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आज से लगभग पांच साल के पहले बना था किन्तु आज तक भी इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की ओर न ही तो आलाधिकारी नजर डाल रहे हैं और न ग्राम प्रधान जबकि सरकार का मुहिम था कि सबसे पहले हर एक ग्राम पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाकर मरीजों को प्राथमिक उपचार जैसी सुविधाएं दिलाई जा सके किन्तु यहां तो ठीक उसके विपरीत नजारा देखा जा रहा है हमीरपुर गांव में प्राथमिक विद्यालय परिसर के ठीक सामने एक सफेद पोश इमारत का निर्माण करवाया गया खानापूर्ति करने के लिए उसके रंगाई पुताई करवा दी गई किन्तु वहीं कहावत है कि ढोल मे पोल इमारत के अंदर घटिया सामग्री लगाकर किसी न किसी तरह उसको खङा कर दिया गया जिसके कुछ ही समय बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नामक इमारत की पपङी उखङने लगी जिसे लोग प्लास्टर भी बोलते हैं उसके बाद धीरे धीरे लगे दरवाजों को दीमक चाटने लगी और चट गयी इमारत में दरवाजे के नाम पर सिर्फ ढांचा ही बचा है और इसी इमारत में ग्रामीण लोग एकांत समझ कर कमरों में शौच जैसी जरूरतों को पूरा करने लगे इस समय इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को इतना गन्दा कर रखा है कि अगर इसके अंदर कोई जाए तो गंदगी के ऊपर से ही होकर गुजरना होगा यहां तक की उसके अंदर लगे नल के पास भी इतनी गंदगी है कि इसका बखान कर पाना बङा मुस्किल होगा