सावधान अटरिया के कुछ , ठेकों पर भी बिकती है मिलावटी शराब मिलावटी शराब के खेल से खतरे में जिंदगी

अटरिया सीतापुर, सीतापुर के सिधौली कोतवाली क्षेत्र के अटरिया थाना क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के पियक्कड़ों को सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि कुछ शराब की सरकारी दुकानों पर भी मिलावटी शराब बेची जाती है। वहीं दिपावली आते ही जिले में मिलावटी शराब का कारोबार शुरू हो गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में देशी ठेकों पर इसकी बिक्री की जा रही है। बता दें अम्बरपुर, टिकौली,अटरिया से गुलरिया मार्ग,नीलगांव, जयपालपुर, छावन बाजार, बगहींयापुल आदि जगहों में अबकारी विभाग की लापरवाही के चलते सरकारी ठेका शराब के मालिकों के द्वारा शराब में पानी मिलाकर बेचे जाने की चर्चाएं जोरों पर है
नशेबाजों के अनुसार इन क्षेत्रों में ठेकेदारों द्वारा सरकारी देसी शराब में मिलावट का कारोबार किया जा रहा है।

सर्वाधिक शराब की बिक्री चुनाव या फिर दिवाली पर होती है। इसकी आड़ में ठेकों पर मिलावटी शराब खूब बेची जाती है। अटरिया से गुलरिया मार्ग की बात करें तो लगातार मिलावटी शराब बेच रहे हैं।

कच्ची के साथ अब देशी ठेके पर बिकने वाली शराब भी कहर बरपा रही है। चंद रुपयों के लालच में दुकान संचालक मिलावट का खेल कर जान के दुश्मन बन रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कच्ची के साथ देशी शराब ठेकों में मिलावट का खेल जोरों पर चल रहा है जो कभी भी बड़ी घटना को जन्म दे सकता है।

अटरिया के आसपास ग्रामीण क्षेत्र में शराब का मिलावटी खेल पूरी तरह पैर पसार चुका है।

वैसे तो जिले में अधिकतर शराब ठेकों पर मिलावट का खेल होता है पर अटरिया के ग्रामीण इलाकों में मिलावटी शराब कारोबार का पुराना चावल कहे या सिडीकेटहेड काफी समय से काम कर रहा है जिसके चलते आबकारी अधिकारियों से सटीक साथ गांठ होने के कारण हर मामले को आसानी से रफा दफा कर दिया जाता है विशेष सूत्रों के अनुसार ऐसे सिंडिकेट की नीचे से लेकर ऊपर तक हर अधिकारी को रैंक के अनुसार पैकेट भेंट किया जाता है जिसके चलते अधिकारी भी कान में तेल डाल कर बैठे हैं।
शराब के शौकीनों के अनुसार सेल्समैन लाइसेंसी दुकान पर अपमिश्रित शराब तैयार कर उसे पव्वा में भरने का काम करता है
शराब के शौकीनों को शक न हो इसके लिए पव्वे पर ढक्कन व क्यूआर कोड लगा देता है । अवैध शराब खपाने के लिए सरकारी ठेके सबसे मुफीद हैं। क्योंकि बाहरी शराब तस्करों के लिए आबकारी विभाग कार्रवाई करने से नही चूकती है। मगर कुछ सेल्समैन इसकी आड में अवैध शराब का कारोबार कर रहे है। जब दुकान पर आबकारी विभाग की टीम छापेमारी की कार्रवाई करने पहुंचती है तो उक्त अवैध शराब को वह छिपा देते है
इस धंधे में संलिप्त सेल्समैनो का मकरजाल इतना फैला है कि छपीमारी से पहले ही उक्त सेल्समैनों को पता चल जाता है जिससे वह पहले ही सावधान हो जाते हैं किसी एक पर छापेमारी के पश्चात अन्य सभी सेल्समैनों को फोन के माध्यम से आगाह कर देते हैं जिससे अन्य सेल्समैनो की करतूत पकड़ी नहीं जा पाती है

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