
संवाददाता, नरेश गुप्ता
सीतापुर। जिले में लगातार हो रही लूट और चोरी की घटनाओं से परेशान पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। सीतापुर पुलिस ने एक ऐसे अंतर-जनपदीय लुटेरों के गैंग का पर्दाफाश किया है जो खुद को ‘कोहिनूर’ गैंग कहता था। इस गैंग के चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनके पास से लूट का लगभग सारा माल, हथियार और वारदात में इस्तेमाल की गई बाइकें भी बरामद हुई हैं।

कैसे हुआ पर्दाफाश?
पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल के निर्देश पर, अपर पुलिस अधीक्षक आलोक सिंह और क्षेत्राधिकारी दिनेश कुमार शुक्ल के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। लहरपुर और सकरन पुलिस की इस संयुक्त टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर अचाकापुरवा मोड़ के पास से इन अपराधियों को धर दबोचा। पूछताछ में इनकी पहचान अमीश कुमार, शिवम जायसवाल, बड़ा प्रांशु उर्फ प्रियांशु वर्मा और संदीप वर्मा उर्फ सचिन के रूप में हुई।

‘कोहिनूर’ गैंग का तरीका-ए-वारदात
इन अपराधियों का तरीका-ए-वारदात सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। ये गैंग सिर्फ उन सुनारों को निशाना बनाता था जिनकी दुकान उनके घर से काफी दूर होती थी। ये पहले सुनार की रेकी करते थे, उसके आने-जाने और कीमती सामान रखने के समय पर पूरी नजर रखते थे।
लूट को अंजाम देने के लिए ये तीन बाइकों का इस्तेमाल करते थे और सभी की नंबर प्लेट हटा देते थे। वारदात के समय, एक बाइक पर सवार अपराधी आगे चलकर माहौल देखता था, दूसरी बाइक पर सवार लुटेरे सुनार को रोकते थे और तीसरी बाइक वाले हथियार दिखाकर लूट की वारदात को अंजाम देते थे। अपने हर अपराध को ये ‘मिशन कोहिनूर’ कहते थे।
क्या-क्या हुआ बरामद?

पुलिस ने इन शातिर लुटेरों के पास से लाखों के जेवर, 10,000 रुपये नकद, एक अवैध तमंचा और तीन बाइकें (स्प्लेंडर, एचएफ डीलक्स और पल्सर) बरामद की हैं। इन बाइक का इस्तेमाल वे अपराध के लिए करते थे। पुलिस ने बताया कि इस गिरफ्तारी से हरगांव, लहरपुर, सकरन के साथ-साथ पड़ोसी जिले लखीमपुर खीरी में हुई कई बड़ी वारदातों का खुलासा हुआ है। इस सफल ऑपरेशन के लिए पुलिस टीम में शामिल सभी अधिकारियों और जवानों की जमकर सराहना की गई है।
