
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
सीतापुर, उत्तर प्रदेश: सीतापुर में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है, जहाँ एक 4 साल के मासूम बच्चे को आंगनबाड़ी केंद्र में बेरहमी से पीटा गया है। आरोप है कि केंद्र की एक कार्यकर्ता ने बिना किसी वजह के बच्चे को लकड़ी की छड़ी से इतना मारा कि उसकी पीठ पर गहरे चोट के निशान पड़ गए हैं। इस घटना ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना सीतापुर जिले के सदरपुर थाना क्षेत्र के देवरिया गाँव की है। गाँव के रहने वाले कैलाश ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि उनका 4 साल का बेटा गुलशन मंगलवार सुबह 8 बजे आंगनबाड़ी केंद्र गया था। कैलाश का आरोप है कि केंद्र की कार्यकर्ता सुनीता मौर्य ने किसी बात पर उनके मासूम बेटे को बुरी तरह पीटा। पिटाई के लिए लकड़ी की छड़ी का इस्तेमाल किया गया, जिसकी वजह से बच्चे की पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं। गुलशन के शरीर पर पड़े छड़ी के गहरे और लाल निशान इस क्रूरता की कहानी खुद बयां कर रहे हैं।

पुलिस ने शुरू की जाँच
अपने बच्चे की हालत देखकर कैलाश ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और आरोपी कार्यकर्ता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की। बच्चे के पिता की शिकायत पर सदरपुर पुलिस हरकत में आ गई है। प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी पूरी जाँच की जा रही है। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर आरोपी कार्यकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इस बात की भी जाँच कर रही है कि क्या यह पहली बार हुआ है या पहले भी ऐसी घटनाएँ हुई हैं।
बच्चों की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना केवल एक बच्चे की पिटाई का मामला नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज और शिक्षण संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल है। माता-पिता अपने बच्चों को विश्वास के साथ इन केंद्रों में भेजते हैं, यह सोचकर कि वहाँ उन्हें प्यार और देखभाल मिलेगी। लेकिन ऐसी घटनाएँ उस विश्वास को तोड़ती हैं। सवाल यह है कि क्या ऐसे संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई निगरानी तंत्र मौजूद है? क्या बच्चों को पढ़ाने और देखभाल करने वाले कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की सही जाँच की जाती है?
इस घटना ने अभिभावकों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। अब सभी की निगाहें पुलिस की जाँच और उस पर होने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं। देखना होगा कि क्या इस मामले में दोषी को कड़ी सज़ा मिलती है, ताकि भविष्य में कोई भी मासूम ऐसी क्रूरता का शिकार न हो।
