
बाघ के हमले से किसान की मौत: सीतापुर में एक और दुखद घटना
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
सीतापुर: सीतापुर जिले में बाघों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा घटना में, महोली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नरनी में एक 21 वर्षीय युवक को बाघ ने अपना शिकार बना लिया। इस दुखद घटना से पूरे इलाके में शोक और भय का माहौल है।
घटना का विवरण
यह दिल दहला देने वाली घटना शुक्रवार की शाम की है। ग्राम नरनी निवासी सौरभ दीक्षित (उम्र लगभग 21 साल), जो वेद प्रकाश के पुत्र थे, अपने खेतों की ओर फसल देखने गए थे। तभी घात लगाकर बैठे एक बाघ ने अचानक उन पर हमला कर दिया। सौरभ को संभलने का मौका भी नहीं मिला और बाघ ने उन्हें दबोच लिया। हमले इतना भीषण था कि सौरभ की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
जब काफी देर तक सौरभ घर नहीं लौटे, तो उनके परिजन चिंतित हो गए। उन्होंने और गांव वालों ने मिलकर खोजबीन शुरू की। रात के अंधेरे में जब वे खेत के पास पहुंचे, तो वहां का मंजर देखकर उनके होश उड़ गए। सौरभ का शव बुरी तरह क्षत-विक्षत अवस्था में पड़ा था। पास ही बाघ के पैरों के निशान भी थे, जिससे यह पुष्टि हो गई कि यह हमला बाघ ने ही किया है।
वन विभाग पर सवाल
इस घटना के बाद ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि पिछले कुछ समय से इस क्षेत्र में बाघों की आवाजाही लगातार बनी हुई है, लेकिन वन विभाग इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। लोगों ने कई बार इसकी शिकायत भी की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
ग्रामवासियों ने मांग की है कि वन विभाग तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ाए और हमलावर बाघ को पकड़कर कहीं और छोड़े, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने की भी मांग की है।
लगातार बढ़ रही घटनाएं
सीतापुर जिले में पिछले कुछ महीनों में बाघ के हमले की यह पहली घटना नहीं है। जिले के कई हिस्सों, खासकर महोली, पिसावां और आसपास के इलाकों में बाघों ने कई लोगों और पालतू जानवरों को अपना शिकार बनाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों के कटने और इंसानों की बढ़ती दखलअंदाजी के कारण बाघ और इंसान के बीच संघर्ष बढ़ रहा है।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सीतापुर में बाघों के आतंक से निपटने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाना बेहद जरूरी है।
