
गोवंशों के घूमने से लोग परेशान हो रहे हैं। राजमार्ग हो या बाज़ार की गलियां सहित मंडियों में हर जगह आवारा पशु घूमते नजर आते हैं। इनकी लड़ाई में कई बार राहगीरों को चोट भी लग चुकी है जिसमें एक युवक व एक गोवंश की मौत भी हो चुकी है
वाराणसी:राजातालाब क्षेत्र के कचनार व रानी बाजार गांव में सैंकड़ों गोवंशों के घूमने से लोग परेशान हो रहे हैं। राजमार्ग हो या यहाँ के बाजार की गलियां व मंडिया हर जगह आवारा पशु घूमते नजर आते हैं। इनकी लड़ाई में कई बार राहगीरों को चोट भी लग चुकी है। दूसरी ओर आवागमन भी बाधित होता है। बुजुर्गों व बच्चों को इसके कारण खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बाद भी प्रशासन आवारा गोवंशों से निपटने की कोई कवायद करता नजर नहीं आ रहा हैं।

यह है मामला
नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में गोशाला भी बनी हुई हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन की लापरवाही के कारण रात में भी सड़कों पर सैंकड़ों की संख्या में आवारा गोवंश घूम रहे हैं। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर पशुपालक दूध निकालकर पशुओं से कर लेतें हैं। किनारा, जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो बछड़े व गायों को यहाँ के सब्जीमंडी में छोड़ देते हैं। ये गोवंश सड़कों पर फलों के छिलके व सड़ी-गली सब्जियां खाकर यही इधर-उधर फिरते हैं। सब्जी मंडी व गल्ला मंडी में इन गोवंशों का इतना खौफ है कि लोग बेहद सावधान होकर ही मंडी का रुख करते हैं।

वहीं रात के समय यह गोवंश बेखौफ होकर यहाँ के मुख्य मार्गो व मुहल्लों में मुख्य रूप से घूमते हैं। यह नजारा सब्जी मंडी, रथयात्रा व पंचकोसी मार्ग सहित राजमार्ग पर आम है ।राहगीरों व स्थानीय निवासी तो परेशान हैं ही लेकिन साथ में ये गोवंश स्वयं भी आए दिन यहाँ के कई हिस्सों में खुले पड़े नालों व सूखे कुओं आदि में गिरकर चोटिल होते रहते हैं। पिछले एक महीने में दर्जनों रहागीर गोवंशों से टकराकर घायल भी हो चुके हैं जिसमें एक युवक और एक गोवंश की मौत भी हो चुकी है।

इन्होंने कहा…
स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार ने बताया कि आवारा गोवंशों को उचित स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए ज़िम्मेदारों को उच्चाधिकारी निर्देशित कर जल्द ही इन गोवंशों को उचित स्थान पर भिजवा दिया जाए ताकि समस्या का समाधान हो।
